दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 जुलाई
कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब को लेकर लिए ‘बोल्ड स्टैंड’ का सियासी असर हरियाणा में भी देखने को मिला है। प्रदेश कांग्रेस में चल रही गुटबाजी व अंतर्कलह के बीच बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में हुई ‘पैदल मार्च’ में विधायकों ने एकजुटता का परिचय दिया। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की अगुवाई में हुए पैदल मार्च में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कैम्प के विधायक भी शामिल हुए। इससे पहले 7 जुलाई को प्रदेश के सभी ब्लॉक और 10 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर पेट्रोलियम पदार्थों व रसोई गैस की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों से कई विधायकों ने दूरी बनाई थी। अलबत्ता 22 विधायकों ने दिल्ली में इकट्ठे होकर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा उठाया था। सैलजा की जगह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्य में कांग्रेस का ‘कप्तान’ बनाने की मांग को लेकर वे विधायक राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल व प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल से भी मिल थे। 7 व 10 जुलाई के आयोजनों में विधायकों की भूमिका को लेकर बंसल ने सभी विधायकों को पत्र लिखकर उनसे जवाब तलब किया था। सूत्रों का कहना है कि अभी तक एक भी विधायक ने पत्र का जवाब देकर यह नहीं बताया है कि 7 व 10 जुलाई को हुए प्रदर्शनों में उन्होंने क्या किया। इस बीच, बृहस्पतिवार को इस्राइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये विपक्षी दलों के नेताओं, जजों, संवैधानिक संस्थाओं में बैठे लोगों व पत्रकारों की ‘जासूसी’ करने के विरोध में कांग्रेस ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया।
पार्टी नेतृत्व के निर्देशों पर हुए इस आयोजन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सभी विधायकों व वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया था। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि खुद प्रदेशाध्यक्ष सैलजा ने कई विधायकों को फोन पर इस बारे में सूचित किया था। यहां बता दें कि हरियाणा की तरह ही पंजाब में भी कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। पंजाब सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विरोध के बावजूद पार्टी हाईकमान पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त कर चुकी है। पंजाब को लेकर ‘दिल्ली दरबार’ पर काफी दबाव भी बनाने की कोशिश हुई लेकिन इस बार सोनिया गांधी ने बोल्ड फैसला करते हुए सिद्दू को कमान सौंपी। सूत्रों का कहना है कि पंजाब में बने नये सियासी समीकरणों का असर हरियाणा में भी देखने को मिल सकता है। हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन की मांग कमजोर पड़ चुकी है। अलबत्ता विधायक अब यह चाहते हैं कि संगठन का गठन करते समय उनकी पसंद-नापंसद का ख्याल रखा जाए। आने वाले कुछ दिनों में ही संगठन का गठन संभव है।
विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी, बादली विधायक कुलदीप वत्स, बहादुरगढ़ विधायक राजेंद्र सिंह जून, पुन्हाना विधायक मोहम्मद इलियास व फिरोजपुर-झिरका विधायक मामन खान इंजीनियर कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। हुड्डा कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और डॉक्टरों की सलाह पर अभी वे फील्ड में नहीं आ रहे हैं। बताते हैं कि चंडीगढ़ नहीं पहुंचने वाले विधायकों ने पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया था।
बिश्नोई सहित ये विधायक पहुंचे
पैदल मार्च में आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई भी पहुंचे। बिश्नोई भी आमतौर पर सैलजा के आयोजनों से दूरी ही बनाए रखते थे। हुड्डा समर्थित विधायकों में शामिल रहे डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान, जगबीर सिंह मलिक, गीता भुक्कल, भारत भूषण बतरा, वरुण चौधरी, सुभाष गंगोली, बलबीर सिंह वाल्मीकि, मेवा सिंह, इंदूराज नरवाल, नीरज शर्मा, राव दान सिंह, शकुंतला खटक, बिशनलाल सैनी, अमित सिहाग, सुरेंद्र पंवार, धर्म सिंह छोक्कर व जयवीर सिंह वाल्मीकि चंडीगढ़ में हुए पैदल मार्च में पहुंचे। सैलजा समर्थक विधायकोंमें शैली गुर्जर, प्रदीप चौधरी, शीशपाल केहरवाला, शमशेर सिंह गोगी व रेणु बाला भी सैलजा के कंधे से कंधा मिलाते दिखे। रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव खुद नहीं पहुंचे, लेकिन उनके पिता व पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव चंडीगढ़ पहुंचे हुए थे।