नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 18 अक्तूबर
मनोहर सरकार पार्ट वन में सत्ता का केंद्र रहा गुरुग्राम इन दिनों राजनीतिक उपेक्षा का पर्याय बना हुआ है। भाजपा प्रत्याशी को धूल चटाकर विधायक बने राकेश दौलताबाद को सरकार ने चेयरमैन की कुर्सी तो थमा दी, लेकिन इससे पार्टी कार्यकर्ता बुरी तरह से खफा है।
इस बार विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम के चारों विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा गया था। इनमें प्रदेश सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री रहे राव नरबीर को भी भाजपा ने घर बैठा दिया था। उनका टिकट काटकर उनके स्थान पर भाजयुमो के अध्यक्ष मनीष यादव को बादशाहपुर से चुनाव लड़वाया गया, लेकिन वह निर्दलीय प्रत्याशी राकेश दौलताबाद के हाथों धूल चाट बैठे। 2014 में गुरुग्राम की चारों सीटें भाजपा ने जीती थी, लेकिन 2019 में तीन सीटें ही पार्टी के हाथ लग पाई। मनोहर सरकार पार्ट वन में राव नरबीर को कैबिनेट मंत्री बनाकर कई महत्वपूर्ण विभाग उन्हें सौंपा गए थे। यह किसी से छिपा नहीं है कि राव नरबीर कैबिनेट के सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक रहे और उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से करीबियों के किस्से लोगों की जुबान पर आज भी हैं। मनोहर सरकार पार्ट 2 में इस बार गुरुग्राम के हाथ मंत्री पद नहीं लग पाया। उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार बोर्ड व निगमों में यहां के बड़े नेताओं को एडजेस्ट कर इस कमी पूरी करेगी।
हाल ही में कोई चेयरमैनो की घोषणा से कार्यकर्ता काफी निराश और खफा हैं। मनोहर सरकार पार्ट वन में अकेले गुरुग्राम के 8 से ज्यादा नेताओ के को चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाया गया था। इनमें जीएल शर्मा, गार्गी कक्कड़, जवाहर यादव, रश्मि खेत्रपाल, अजय सिंघल व संजय भसीन का नाम प्रमुख है।
भाजपा प्रत्याशी को हराने वाले को मिली कुर्सी
सरकार में हिस्सेदारी को लेकर गुरुग्राम की वर्तमान स्थिति पर नजर डाले तो अभी तक भाजपा के एक भी कद्दावर नेता को सरकार ने स्थान नहीं दिया है। एकमात्र चेयरमैन की कुर्सी भी पार्टी प्रत्याशी को हराने वाले निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को दे दी गई। राकेश दौलताबाद गाहे-बगाहे सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते ही हैं अफसरों को भी निशाने पर लिए रखते हैं। हालांकि खुले तौर पर अभी तक पार्टी कार्यकर्ताओं ने राकेश दौलताबाद को चेयरमैन बनाए जाने का विरोध नहीं किया, लेकिन अंदरखाने इस बात को लेकर खासी नाराजगी है। आरोप है कि सरकार में पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर बैक डोर से पद बांट रही है।