नरेन्द्र ख्यालिया/निस
हिसार, 12 मई
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर शिक्षा निदेशालय सतर्क हो गया है। बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे-मील के उठान, स्वच्छता, खिलाने के नियमों सहित अन्य आदेश जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिए हैं। इसके तहत सबसे महत्वपूर्ण है कि बच्चों को परोसने से पहले स्कूल में बनाया गया भोजन स्कूल मुखिया/ एमडीएम इंचार्ज को चखना होगा।
इसी प्रकार से खाद्यान्न उठाने के समय अधिकारी का पास होना और खाद्यान्न स्कूल में उतरवाते समय स्वयं सहायता समूह का कोई सदस्य मौके पर होना अनिवार्य किया गया है। राशन की जांच के साथ-साथ कांटे की जांच करना भी जरूरी किया गया है।
मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा एमडीएम को लेकर दिए गए निर्देशों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम के पास से राशन का उठान करते समय डीईईओ, डिप्टी डीईईओ या बीईओ का होना सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि राशन (अनाज) उठाते समय यह ध्यान रखा जाए, कहीं खाद्यान्न खुले में तो नहीं रखा हुआ है या फिर भीगा हुआ तो नहीं है। राशन रसोई घर में ही तैयार किया जाए और खुले आसमान के नीचे या फिर पेड़ के नीचे किसी भी हालात में राशन तैयार नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों को परोसने से पहले स्कूल मुखिया या एमडीएम इंचार्ज द्वारा भोजन चखना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक तिमाही में डीसी व सांसद की अध्यक्षता में एमडीएम को लेकर एक बैठक सुनिश्चित की गई है।
आपातकालीन फोन नंबर लिखना अनिवार्य
आपातकाल के लिए स्कूलों में बोर्ड लगाकर नागरिक अस्पताल, आपात सेवाओं, पीएचसी व सीएचसी और किसी भी एक अधिकारी के फोन नंबर लिखवाना अनिवार्य किया गया है। महीने में एक बार बीईओ या उससे ऊपरी स्तर के अधिकारी द्वारा मिड-डे-मील का एक बार औचक निरीक्षण आवश्यक किया गया है। अब देखना यह होगा कि इन निर्देशों की पालना किस प्रकार की जाएगी।
एमडीएम से संबंधित बनाए गए नियमों की हर हाल में पालना सुनिश्चित की जाएगी और बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा। एमडीएम को लेकर विभाग द्वारा निर्धारित किए गए नियमों के बारे में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को सूचित कर दिया गया है और कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-धनपत राम, डीईईओ