घरौंडा, 21 अप्रैल (निस)
सरकारी नियमों में लूपहोल होने की वजह से मंडियों में धड़ल्ले से यूपी का गेहूं पहुंच रहा है। गेहूं खरीद के अंतिम दौर में सरकार ने पोर्टल पर प्रति एकड़ उपज लिमिट को 33 क्विंटल से घटाकर 25 क्विंटल कर दिया है। पोर्टल पर घटाई गई लिमिट से यूपी से सस्ते गेहूं की ट्रेडिंग में लगे आढ़तियों को झटका लगेगा। इस फेरबदल से किसान की वास्तविक उपज मंडी आएगी और बारदाने की किल्लत दूर होने की उम्मीद है।
मंडियों में गेहूं खरीद के करीब 20 दिनों बाद सरकार ने पोर्टल रजिस्ट्रेशन पर प्रति एकड़ गेहूं उपज लिमिट को 25 प्रतिशत कम कर दिया है। सरकार का ये फैसला ऐसे समय पर आया है जब मंडियों में लगभग 70 फीसदी खरीद हो चुकी है। सरकार ने ये फैसला मंडियों में धड़ल्ले से चल रही गेहूं ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने के लिए लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रति एकड़ गेहूं पैदावार का औसत 20 से 22 क्विंटल है। ऐसे में व्यापारियों ने पोर्टल पर तय की गई 33 क्विंटल की लिमिट का जमकर फायदा उठाया। किसानों के नाम पर व्यापारियों ने यूपी से सस्ती गेहूं मंगवा कर एम.एस.पी. पर बेची और खूब मुनाफा कमाया। ट्रेडिंग के मामलों पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने अब पोर्टल पर गेहूं की प्रति एकड़ लिमिट 25 क्विंटल निर्धारित कर दी है। सरकार का यह फैसला ट्रेडिंग को रोकने में कितना कारगर होगा ये आने वाले समय में पता लगेगा।
आढ़तियों ने उठाया लूपहोल का फायदा
गेहूं की वास्तविक उपज और पोर्टल लिमिट में करीब 33 फीसदी के बड़ा गैप था। इसी लूपहोल का आढ़तियों ने जमकर फायदा उठाया और बड़ी मात्रा में ट्रेडिंग का गेहूं किसानों के नाम पर सरकार को बेच दिया। घरौंडा अनाज मंडी के बाहर अलसुबह ही यूपी के ट्रैक्टर-ट्रालियों का जमावड़ा लगता है। बुधवार को भी आधा दर्जन के करीब ट्रालियां यूपी से गेहूं लेकर मंडी में पहुंची। हाईवे के पुल के नीचे ट्रैक्टर चालक रुकते हैं जहां पर सम्बन्धित आढ़ती उन्हें लोकल किसान का आधार कार्ड देता है ताकि वह उस किसान के नाम पर मंडी गेट पास ले सके।
”सरकार ने गेहूं की उत्पादकता लिमिट को 33 क्विंटल प्रति एकड़ से घटाकर 25 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया है। अब किसान को 25 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से ही गेट पास जारी होगा। जिन्होंने 33 क्विंटल के हिसाब से एंट्री करवाई थी उनकी स्वत: ही 25 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से हो गई है। माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला यूपी से गेहूं की ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए लिया है।”
-चंद्रप्रकाश, सचिव, मार्किट कमेटी, घरौंडा