झज्जर, 20 जुलाई (हप्र)
बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में ईएसआई की सुविधा लेने वाले एक लाख परिवारों को निजी अस्पतालों ने झटका दिया है। यहां ईएसआई पैनल में शामिल निजी अस्पतालों ने इन परिवारों का इलाज करने से मना कर दिया है। इन एक लाख परिवारों में करीब 5 लाख लोग इलाज का लाभ उठा रहे थे।
बहादुरगढ़ में ईएसआई पैनल में शामिल अस्पतालों का सरकार ने 35-40 करोड़ का भुगतान करना है। बहादुरगढ़ के 6 निजी अस्पताल संचालक भुगतान के लिए ईएसआई विभाग के आला अधिकारियों से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। झज्जर जिले में 6 निजी अस्पताल ईएसआई पैनल पर इलाज करने के लिए चिन्हित किए गए हैं। जिनमें दिल्ली हॉस्पिटल, आरआर हॉस्पिटल, आरजे हॉस्पिटल, स्वास्तिक हॉस्पिटल, जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और ब्रह्म शक्ति संजीवनी अस्पताल शामिल है। इन सभी अस्पतालों के 35 करोड़ से ज्यादा के बिल पेंडिंग हैं।
मजबूरी में लिया फैसला
ब्रह्म शक्ति संजीवनी अस्पताल के निदेशक डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि ईएसआई के डायरेक्टर जनरल, सीएम विंडो, पीएम ऑफिस और मुख्यमंत्री हरियाणा से लेकर लेबर विभाग तक का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने निजी अस्पतालों को उनकी बकाया राशि नहीं दी है। डॉक्टर मनीष का कहना है कि भारी भरकम खर्च के चलते वे अस्पताल ठीक ढंग से नहीं चला पा रहे हैं। मजबूरी में ईएसआई पैनल वाले रोगियों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया है।
”निजी अस्पतालों के भुगतान में कुछ देरी हुई है, लेकिन भुगतान करने की प्रक्रिया जारी है। जिन भी अस्पतालों के बिल आए हैं, उन पर काम किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। फिलहाल बहादुरगढ़ में स्टाफ की भी कमी है और एसएमओ की पोस्ट भी खाली है। प्राइवेट अस्पतालों के भुगतान में भी देरी होने का यह विशेष कारण है। ”
-डा. संजय बंसल, कार्यवाहक एसएमओ, ईएसआई