चंडीगढ़/पंचकूला, 27 दिसंबर (नस)
प्रशासन द्वारा नई वार्डबंदी की अधिसूचना, पानी की बढ़ाई गई दरों और नगर निगम के घरों से गाड़ियों में कूड़ा उठाने के फैसले के बारे में रविवार को शहर के रेजिडेंट्स ने खुल कर अपनी बात रखी। फेडरेशन ऑफ सेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशंस ऑफ चंडीगढ़ (फासवेक) की कार्यकारिणी की सेक्टर 21 में संपन्न हुई बैठक में विभिन्न सेक्टरों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। उन्होंने चंडीगढ़ की ज्वलंत समस्याओं पर अपने विचार रखे। चर्चा के मुख्य मुद्दे प्रशासन द्वारा नई वार्डबंदी की अधिसूचना, पानी की बढ़ाई गई दरें और नगर निगम द्वारा घरों से अपनी गाड़ियों में कूड़ा उठाने का निर्णय रहे।
फासवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ने कहा कि प्राइवेट कूड़ेवालों के रोजगार खत्म करके नगर निगम द्वारा अपनी गाड़ियां खरीदकर घरों से कूड़ा उठाने का निर्णय गलत है। जब पुराना सिस्टम सुचारू काम कर रहा है तो बदलने की क्या जरूरत है। यदि बात सिर्फ कूड़े के पृथक्करण की है तो इसके लिए लोगों को और रेहड़ी में कूड़ा उठाने वालों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। बिट्टू ने कहा कि यदि अब नगर निगम ने गाड़ियां खरीद ही ली हैं तो इन गाड़ियों को रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनस के सुपुर्द कर देना चाहिए जो अपने हिसाब से इनका प्रयोग करें। सेक्टर 13 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष कर्नल गुरसेवक सिंह ने कहा कि विकसित देशों के मॉडल पर हर गली में बड़े बिन रख देने चाहिए जिसमें लोग कूड़ा डाल दें और वहां से नगर निगम की गाड़ियां कूड़ा ले जाएं।
साथ ही उन्होंने कहा कि सेक्टर 13 की वार्डबंदी भी गलत तरीके से की गई है। सेक्टर 39 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अमरदीप सिंह के अनुसार, जब उनके सेक्टर के लोग पहले ही कूड़ेवाले को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके दे रहे हैं तो ऐसे में नये सिस्टम की जरूरत नहीं है।
सेक्टर 21 आरडब्ल्यूए के वरिष्ठ उपप्रधान एएस भाटिया और महासचिव प्रदीप चोपड़ा ने कहा की कूड़ा उठाने के नए सिस्टम से लोगों को परेशानी हो रही है। न तो गाड़ियों के आने का कोई समय है व न ही नगर निगम के कर्मचारी ऊपरी मंजिलों पर जाकर कचरा उठाकर लाते हैं और न ही सभी घरों से कूड़ा उठाया जा रहा है।
डंपिंग ग्राउंड से उठती दुर्गंध से जीना दूभर
फासवेक के सलाहकार डॉ. केएस चौधरी के अनुसार डड्डू माजरा स्थित डंपिंग ग्राउंड से प्रदूषण और बदबू ने आसपास के क्षेत्रों के लोगों का जीना दूभर किया हुआ है।