चंडीगढ़, 19 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित सरकारी सेवाओं का निर्धारित समय-सीमा में हल न करने पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा सेवा डिलीवरी में जरूरत से ज्यादा देरी के सभी मामलों के लिए दोषी अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। सेवा का अधिकार आयोग की सचिव मीनाक्षी राज ने सोमवार को यहां बताया कि आयोग के सम्मुख दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक की पेशी के दौरान यह निर्णय लिया गया।
आयोग ने निर्देश दिए हैं कि सरकारी विभाग अपने यहां ‘राइट टू सर्विस एक्ट’ के तहत अधिसूचित सरकारी सेवाओं को निर्धारित समय-अवधि में देना सुनिश्चित करें। अधिकारी अपने कार्यालय के बाहर तथा ऐसे स्थानों पर डिस्पले बोर्ड लगवाएं, जहां लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत अधिक होती हो। डिस्पले बोर्ड पर सम्बन्धित विभाग द्वारा अधिसूचित सेवाओं की समयावधि समेत उनसे जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारी दी होनी चाहिए। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे फर्स्ट ग्रीवेंस रिडे्रसल अथॉरिटी तथा सेकेंड ग्रीवेंस रिड्रेसल अथॉरिटी समेत ‘राइट टू सर्विस एक्ट’ में निर्धारित समयावधि संबंधी तमाम जानकारी अपने कार्यालय के अंदर व बाहर चस्पा करें। उन्होंने कहा कि यह काम जल्द पूरा किया जाना चाहिए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा व्यक्ति को एक्नॉलेजमेंट स्लिप भी दी जाएगी, जिसमें सेवा मिलने का लाभ कितने दिन में मिल जाएगा। यदि आवेदनकर्ता के आवेदन में कमी है तो इसकी जानकारी देनी चाहिए।
30 दिन में फर्स्ट रिड्रेसल अथॉरिटी को शिकायत
अगर निर्धारित समयावधि में वह सेवा व्यक्ति को नहीं मिलती तो 30 दिन के अंदर फर्स्ट रिड्रेसल अथॉरिटी को इसकी शिकायत की जा सकती है। फर्स्ट रिड्रेसल अथॉरिटी से कार्य का निष्पादन नहीं होता तो वह व्यक्ति 60 दिन के अंदर सेकंड ग्रीवेंस रिड्रेसल अथॉरिटी को शिकायत दे सकता है। आवेदनकर्ता की शिकायत जायज मिलने पर अथॉरिटी द्वारा नामित अधिकारी को 7 दिन में समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए जाएंगे।
5000 रुपये तक जुर्माना
मीनाक्षी राज ने बताया कि कार्य में अनियमितता पाए जाने पर ग्रीवेंस रिड्रेसल अथॉरिटी द्वारा नामित अधिकारी पर 250 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, अधिकारी की गलती पाए जाने पर अथॉरिटी द्वारा आवेदनकर्ता को एक हजार रुपये का मुआवजा दिलवाने के आदेश दिए जाने का भी प्रावधान है। एक्ट में दोनों ग्रीवेंस रिड्रेसल अथॉरिटी द्वारा संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।