बल्लभगढ़, 10 मई (निस)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की अगुवाई में गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा से छंटनी हुए ठेका कर्मचारियों ने अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में समायोजन की मांग को लेकर सोमवार को कैबिनेट मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा को ज्ञापन सौंपा।
इन कर्मचारियों का कहना था कि सरकार ने बंद हुए गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज को टेकओवर किया है तो उसकी सभी देनदारियों भी सरकार की ही होंगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल बंद होने की वजह से मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। इसलिए अब जब सरकार इस अस्पताल को टेकओवर करके इसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल रखकर इसे कोविड अस्पताल बनाकर चलाने जा रही है तो 10 से 12 साल के अनुभव वाले मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को भी एडजस्ट करना चाहिए।
कैबिनेट मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि आपकी मांग जायज है और इस पर शीघ्र गंभीरता से विचार-विमर्श कर सकारात्मक कार्रवाई की जायेगी। प्रतिनिधिमंडल ने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कमेटी के सचिव व नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह बालगुहेर, फरीदाबाद खंड के प्रधान करतार सिंह जागलान और गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज के छंटनीग्रस्त कर्मचारियों की ओर से नरेश भारद्वाज, सुभाष चंद शर्मा, पप्पू पारछा, श्रीपाल सिंह, सुभाष चन्द्र, धारा सिंह आदि शामिल थे।
मनोबल न तोड़े सरकार
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना योद्धा कहे जाने वाले स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर उनके मनोबल को तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण प्राप्त नये ठेकेदारों ने मेवात से 113, भिवानी 100, यमुनानगर 80, रोहतक 30, कुरुक्षेत्र 25 व कैथल से 2 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। उन्होंने बताया कि सिरसा, कैथल भिवानी, करनाल व जींद जिलों में कर्मचारी ड्यूटी तो दे रहे है परंतु अभी लिस्ट जारी न होने से हाजरी नहीं लग रही, जिससे यहां भी नौकरी से हटाये जाने का खतरा है। उन्होंने बताया कि सिरसा, कैथल, करनाल, महेन्द्रगढ़ व जींद में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन ही नहीं मिला है।