आलोक पुराणिक
कोरोना से पक गये हैं लोग, थक गये हैं लोग। पर पक और थक तो सास-बहू सीरियलों से भी गये थे, वो न गये तो क्या कोरोना सिर्फ पकने और थकने से चला जायेगा। एक विश्वविद्यालय में चिंतन चला कि साल तो हो लिया कोरोना आये हुए, और अभी जाने का भी नहीं है यह, तो इस पर एक कोर्स बना देते हैं, आॅनलाइन पढ़ा देंगे, कुछ रकम कमा लेगा विश्वविद्यालय। कोरोना पाठ्यक्रम पर चिंतन चर्चा इस प्रकार है— राजनीति शास्त्र का प्रोफेसर-देखिये कोरोना के कोर्स का नाम हम बीए कोरोना राजनीति शास्त्र रखेंगे, क्योंकि कोरोना की राजनीति बहुत बड़ी है। कोरोना का टीका ना आया, पर उसके चुनावी वादे हो लिये। कहीं टीका मुफ्त देने की बात हो रही है।
ज्योतिष शास्त्र का प्रोफेसर—कोरोना पर लगातार भविष्यवाणी हो रही है कि अब खत्म हो लेगा कि अब खत्म हो लेगा। ज्योतिष शास्त्र पर ही आधारित होना चाहिए कोरोना का कोर्स।
दर्शन शास्त्र का प्रोफेसर—कोरोना का पूरा दर्शन है। जो आया है, वह जायेगा। डेंगू से न जायेगा, तो चिकनगुनिया से जायेगा। चिकनगुनिया से ना जायेगा, तो सर्दी से जायेगा। कोई किसी का नहीं है, यह दार्शनिक सत्य कोरोना के काल से उद्घाटित होता है। कोरोना तो दरअसल दार्शनिक विषय है।
समाज शास्त्र का प्रोफेसर—कोरोना तो मूलत: समाज शास्त्र का विषय है। कई कारों पर इस तरह के स्टिकर लगे देखे गये-भूतपूर्व कोरोना पॉजिटिव यानी कोरोना पॉजिटिव होना कोई वीआईपी होने का लक्षण हो। कोरोना वाले कोर्स का नाम तो बीए कोरोना समाज शास्त्र ही होना चाहिए।
मीडिया स्टडीज का प्रोफेसर—कोरोना पर तो सिर्फ मीडिया स्टडीज का ही कोर्स बन सकता है। यह कोरोना का ही प्रताप है कि भानगढ़ के भूतों की खबरें टीवी पर आना बंद हो गयीं। इसलिए हम कोरोना बीए मीडिया स्टडीज कोर्स बनायेंगे।
हिंदी साहित्य का प्रोफेसर—आप देखिये कोरोना काल में 7897878787789787978990087878 आॅनलाइन कवि सम्मेलन, 87700908789 सेमिनार उर्फ वेबिनार आॅनलाइन हो गये। हिंदी साहित्यकारों के दिन बहुर गये कोरोना काल में। इसलिए हम बीए कोरोना साहित्य ही पढ़ायेंगे।
अर्थशास्त्र का प्रोफेसर—देखिये असली खेल तो अर्थशास्त्र का है। कोरोना में कितनों ने कितना कमाया है। कई कंपनियों ने अपनी वैल्यू कितनी बढ़ा ली इस अफवाह से कि इसके पास कोरोना का टीका आने वाला है। हैंड सेनेटाइजर वाले करोड़पति हो गये। कोरोना से जुड़ा इंश्योरेंस आसमान छू रहा है। तय हुआ कि कोर्स का नाम होगा बीए कोरोना अर्थशास्त्र।