गुरुग्राम, 6 जून (निस/हप्र)
ओबीसी वर्ग की विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ओबीसी सैल के राष्ट्रीय चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के नेतृत्व में ओबीसी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और लघु सचिवालय में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम अंकिता चौधरी को ज्ञापन सौंपा। कै. अजय यादव ने बताया कि आज पूरे देश में ओबीसी सैल ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और डीसी को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मुख्य मांग जातीय जनगणना को रखा है। जातीय जनगणना नहीं होने की वजह से ही कोर्ट और सरकारें ओबीसी के आरक्षण के पीछे पड़ी हैं। जब बिहार में जातीय आधार पर जनगणना हो सकती है तो फिर हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों में क्यों नही हो सकती है। कैप्टन अजय यादव ने बताया कि क्रीमीलेयर को भी खत्म करने की बात हमने रखी है, ओबीसी आरक्षण में क्रीमीलेयर लगाकर उसमें भी कृषि व सेलरी को जोड़ दिया गया है उससे ओबीसी वर्ग अपने आरक्षण का फायदा नहीं ले पा रहा है। कैप्टन अजय यादव ने कहा कि सेना में पिछड़ा वर्ग की रेजीमेंट भी बननी चाहिए इसलिए अहीर रेजीमेंट सहित ओबीसी वर्ग की अन्य रेजीमेंट भी बननी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया कि देश की आधी आबादी ओबीसी है, उस हिसाब से प्राइवेट सेक्टर में 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। अनुसचित जाति-जनजाति की तर्ज पर अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों को भी छात्रवृति प्रदान की जाए। इस मौके पर ओबीसी सैल के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी लाल सिंह यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश यादव, ओबीसी के जिला कोऑर्डिनेटर विरेंद्र यादव, ओबीसी के जिला अध्यक्ष राजेश कुमार, राज ठेकेदार, एमएस चौधरी, कांग्रेस व्यापर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पंकज डावर, गुरुग्राम उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव, हरीश वत्स, जगमोहन सरपंच, वर्धन यादव मौजूद थे।
रेवाड़ी (हप्र) : कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय पर डीडीपीओ को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष (ग्रामीण) धर्मबीर, शहरी अध्यक्ष बीर सिंह प्रजापत, हरीश सैनी मौजूद थे।
भेदभाव का शिकार पिछड़ा वर्ग
नूंह/मेवात (निस) : हरियाणा कांग्रेस के ओबीसी प्रदेश काेऑर्डिनेटर पहलवान सतबीर खटाना के नेतृत्व में सोमवार को कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को गर्वनर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि पिछड़ा वर्ग के साथ भेदभाव किया जाता है। उनकी मांग थी कि जातीगत जनगणना की जाये ताकि प्रत्येक जाति की आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक पहचान हो सके।