तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 28 सितंबर
अरावली की पहाड़ियों में वन विभाग की टीम ने 10 गांवों की एक हजार हेक्टेयर में तितलियों की तलाश की। सर्वे में विभाग के पीसीसीएफ एवं चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जगदीश चन्द्र के नेतृत्व में देशभर से आए विशेषज्ञों ने अरावली की पहाड़ी से सटे गांव पाड़ला, अहरोद, बासदूदा, खोल, मनेठी, भालखी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी व खालेटा गांव में 60 प्रजातियों की पहचान की। निष्कर्ष यह निकला कि अरावली की पहाड़ी का यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए उपयुक्त क्षेत्र है। जिला वन अधिकारी सुंदर सांभरिया ने बताया कि पर्यावरणीय अध्ययन के लिए यह एक महत्वपूर्ण सर्वेक्षण था। हरियाणा में पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण हुआ है।
तितलियों को हमारे ईको सिस्टम का बायो इंडीकेटर माना जाता है। तितलियों की उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। यह समृद्ध और विविध जीवन रूपों की उपस्थिति का भी प्रतीक है। सर्वेक्षण में दिल्ली, मुंबई, फरीदाबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 60 एक्सपर्ट शामिल हुए। सर्वेक्षण में गुरुग्राम के मुख्य वन संरक्षक एमएस मलिक, हरियाणा स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड व स्वयंसेवी संस्था नेचर फर्स्ट ने भी योगदान दिया। उन्होंने कहा कि एक दिवसीय सर्वेक्षण में तितलियों की 60 प्रजातियों की पहचान होने से विशेषज्ञ भी दंग रह गए। अरावली क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता के कारण ही आज बड़ी संख्या में तितलियों की पहचान हुई। इस सर्वेक्षण के परिणाम से तितलियों और पतंगों के संरक्षण के लिए प्रबंधन रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।