देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल, 25 दिसंबर
नेशनल हाईवे पर चल रहे किसानों के धरने पर अब महिलाएं लोकगीतों से प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष कर रही हैं और कृषि कानून रद्द करने की मांग कर ही हैं। ‘या मोदी ने चारौ पाड़ दियो किसानन ने बर्बादी पै ले जाने कौ’… ‘मोदी सरकार होश में आओ किसानन नै उसका हक दिलाओ’.. जैसे लोकगीत धरने में सुनाई दे रहे हैं। स्थानीय महिलाओं ने आंदोलन की कमान संभाल ली है। धरना स्थल पर महिलाएं नाच-गाकर लोक नृत्य से किसानों के इस आंदोलन को एक उत्सव का रूप दे रही हैं। मध्य प्रदेश-बुंदेलखंड से आई महिलाओं के साथ-साथ अब जिले की महिलाओं ने भी धरने में शामिल होना शुरू कर दिया है। सैकड़ों महिलाएं गाजे-बाजे के साथ धरना स्थल पर पहुंच रही हैं। दिनभर महिलाएं भजन व गीतों के माध्यम से भाजपा सरकार पर हल्ला बोलती हैं। ब्रज क्षेत्र में लगते हरियाणा-उत्तर प्रदेश के बाॅर्डर पर स्थित पलवल जिले में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी आंदोलन में बाराबर की भागीदारी है। इन महिलाओं का कहना है कि जब वे खेती करने में पीछे नहीं हैं, तो भला अपने हक के लिए चल रहे आंदोलन में पीछे कैसे रहें।
सौरोत पाल ने संभाली कमान
केएमपी-केजीपी चौक के निकट चल रहे धरने की कमान शुक्रवार को सौरोत चौबीसी पाल/खाप ने संभाली। जीतन, सिकंदर, महाराम, भागमल, कंवल पहलवान, रामअवतार, रत्न सिंह, हरनाम, दीनदयाल, वीरेंद्र सहित 11 किसानों ने अनशन किया।
कृष्णपाल गुर्जर, भाजपा नेताओं का होगा विरोध
किसान संघर्ष समिति के सदस्य मास्टर महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भाजपा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर सहित भाजपा का कोई भी मंत्री या भाजपा का बड़ा नेता जिले में कोई कार्यक्रम करता है तो किसान वहां पहुंचकर उसका उटकर विरोध करेंगे। गुर्जर को किसानों ने ही सांसद बनाया था लेकिन अब उनको किसानों का ध्यान ही नहीं है।
महाराजा सूरजमल को किया याद
धरने पर किसानों ने महाराजा सूरजमल का शहीद दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया। इस दौरान भजन और कीर्तन का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाकियू के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत ने कहा कि महाराजा सूरजमल बड़े किसान नेता और योद्धा थे। सौरोत ने कहा कि किसानों ने अब आरपार का फैसला कर लिया है इसलिए इन काले कानूनों को वापस लेने के लिए किसानों को अपना बलिदान भी देना पड़ तो वे इसके लिए भी तैयार हैं।