चंडीगढ़, 28 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बाजरा उत्पादक किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसी खरीफ सीजन से बाजरे की उपज को भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ में शामिल किया जाएगा। ‘भावांतर भरपाई’ योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। हरियाणा में बागवानी फसलों के लिए भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ लागू की जा चुकी है। योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को यहां कहा कि बाजरे के औसत बाजार भाव व एमएसपी के अंतर को भावांतर मानते हुए ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल के सत्यापन उपरांत सही पाए गए किसानों को औसतन उपज पर 600 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर दिया जाएगा। बाजरे के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। पड़ोसी राज्यों – राजस्थान व पंजाब ने इस बार भी बाजरे का कोई एमएसपी घोषित नहीं किया है।
सीएम ने कहा, लगता है कि वे पहले की तरह इस बार भी बाजरे की खरीद नहीं करेंगे। ऐसे में इन राज्यों से बाजरा हरियाणा में बिकने के लिए आने की आशंकाएं हैं। इसलिए हरियाणा प्रदेश के उन किसानों का ही बाजरा खरीदने के लिए भावांतर पर भरपाई करने का निर्णय लिया गया है, जिन्होंने ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। उपज भाव को मेनटेन करने के लिए बाजार भाव पर 25 प्रतिशत उपज सरकारी एजेंसी खरीदेगी।
इस दौरान सीएम के साथ राज्य के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ-सीजन 2021 में बाजरे के लिए दो लाख 71 हजार किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। इसमें से लगभग आठ लाख 65 हजार एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ है। खरीद शुरू होते ही किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर औसत उपज के अनुसार भुगतान कर दिया जाएगा। भुगतान ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर सत्यापित किसानों को ही किया जाएगा। सीजन में सरकार पांच फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी।
199 खरीद केंद्र बनाए गए
प्रदेश में बाजरे की खरीद के लिए 86, मूंग की खरीद के लिए 38, मक्का के लिए 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिए 7 खरीद केंद्र बनाए हैं। इसी तरह से धान की खरीद के लिए भी 199 खरीद केंद्र बनाये हैं। इसके अलावा 72 अतिरिक्त खरीद स्थलों की भी पहचान की गई है। यदि खरीद केंद्रों पर भारी मात्रा में आवक होगी, तो इन स्थलों का उपयोग धान की खरीद के लिए किया जाएगा।
प्रोत्साहन के लिए मिलेगा अनुदान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन जैसे कि मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को ही चार हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा।