तोक्यो, 8 नवंबर (एजेंसी)
जापान के सम्राट नारूहितो के छोटे भाई फुमिहितो औपचारिक तौर पर ‘क्राइसेन्थेमम थ्रोन’ (राजसिंहासन) के वारिस बन गए हैं। पारंपरिक राजमहल में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में इस सिलसिले में औपचारिकताएं पूरी की गईं। यह कार्यक्रम कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले सात महीने से स्थगित चल रहा था। पिछले साल सम्राट अकिहितो ने राजसिंहासन अपने बेटे नारूहितो के हवाले कर दिया था और इसके बाद ही 54 वर्षीय अकिशिनो (फुमिहितो का लोकप्रिय नाम) को युवराज बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया मई से शुरू हुई थी।
सम्राट नारूहितो ने अपने 86 वर्षीय पिता अकिहितो के पद छोड़ने के बाद सिंहासन संभाला था। राजमहल के प्रतिष्ठित ‘पाइन रूम’ में 60 वर्षीय नारूहितो ने अपने छोटे भाई को औपचारिक तौर पर वारिस बनाने की घोषणा की।
रविवार को ही बाद में आयोजित एक अन्य समारोह में फुमिहितो को एक राजशाही तलवार प्रदान की गयी। नारूहितो के वारिस बनने की सूची में सिर्फ दो नाम ही बचे थे। एक फुमिहितो का और दूसरा नाम उनके बेटे हिसाहितो का था। नारूहितो की 18 वर्षीय बेटी आइको और युवराज फुमिहितो की दो बेटियां माको और काको वारिस नहीं बन सकती हैं। जापान के संविधान के तहत कोई महिला सम्राट नहीं बन सकती।