रेवाड़ी, 19 जुलाई (हप्र)
जालसाजों ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल में सेंध लगाकर 150-200 किसानों की जमीन का मालिक बनकर उसे पोर्टल पर पंजीकृत करा दिया। इस सेंधमारी से प्रशासन से हड़कंप मचा हुआ है। इस धोखाधड़ी का भांडा फूटते ही मंत्री डा. बनवारी लाल सारे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
सरकार ने फसल का समर्थन मूल्य पाने के लिए किसानों के लिए ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल स्थापित किया हुआ है। इस समय क्षेत्र में बाजरा, कपास व ग्वार की फसल तैयार हो रही है। जिला के किसानों ने अपनी फसलों का समर्थन मूल्य पाने के लिए जमीन का पंजीकरण पोर्टल पर कराना शुरू कर दिया है।
ठगों ने किसानों की फसल की रकम व भावांतर राशि को हड़पने के लिए गांव निमोठ के 150-200 किसानों की जमीन को अपनी जमीन बताकर पंजीकृत करा लिया और अपने बैंक खाते की पूरी डिटेल भी दर्ज करा दी। यह हेराफेरी का भांडा उस समय फूट गया, जब असली मालिकों ने पोर्टल पर पंजीकृत कराया। इस मामले में आसपास के गांवों के दो लोगों की संलिप्तता सामने आई है।
पुलिस को दी शिकायत में जिला के गांव निमोठ के सुधीर कुमार ने कहा कि जैसे ही उन्होंने जमीन का पंजीकरण कराया तो पता चला कि उनकी जमीन पहले से ही किसी अन्य के नाम से दर्ज हो चुकी है। किसानों ने कहा कि इसकी शिकायत पुलिस को देकर केस दर्ज करा दिया गया है। जयराम, विरेंद्र, दलीप सिंह, जसवंत सिंह, हरेंद्र कुमार, कृष्णा देवी, बिल्लू, रिंकूपाल, रणबीर सिंह, दिनेश, सत्यनारायण, विकास, विक्रम, संयोगिता, कृष्ण कुमार, सत्यवान, सत्यवीर सिंह आदि के नाम भी पीडि़त किसानों में शामिल हैं। खोल थाना के अंतर्गत डहीना चौकी पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है।
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
बावल के विधायक व सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। पोर्टल में लगाई गई सेंध को लेकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि भविष्य में ऐसी हरकत न हो। इस धोखाधड़ी में जो लोग शामिल हैं, उनका जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा।
जांच के बाद दर्ज होगा केस
जांचकर्ता पुलिस अधिकारी भागीरथ ने कहा कि जांच पड़ताल के बाद पता चला कि एक सीएससी सेंटर से पोर्टल में यह सेंधमारी की गई है। मंगलवार को पुलिस उस सेंटर पर गई तो पता चला कि संचालक ने सारे डाटा डिलीट कर दिए थे। इस मामले में पटवारी से भी राय ली जा रही है। पूरी जांच पड़ताल के बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा।