चंडीगढ़/रोहतक, 2 दिसंबर (ट्रिन्यू/निस)
राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार हठधर्मिता पर आ गई है। उसका रवैया पूरी तरह से दुराग्रहपूर्ण है। लम्बे समय से कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों पर एक बार भी ऐसा संकेत नहीं दिया, जिससे लगे कि सरकार किसानों के प्रति सकारात्मक है। सरकार के अड़ियल रवैये से ऐसा लगता है कि वह चंद सरमायेदारों के हाथों की कठपुतली बन गई है। बुधवार को जारी एक बयान में दीपेंद्र ने कहा कि जिस तरह से उद्योग और व्यापार पर चंद घरानों का कब्जा होता जा रहा है, उसी तरह सरकार कृषि जगत को भी चंद सरमायेदारों के हाथों में सौंप देना चाहती है। किसानों की ऐसी कोई मांग नहीं है, जो सरकार न मान सके। दीपेंद्र ने कहा कि सरकार अपनी जिद पर न अड़े और किसानों की सारी मांगों को तुरंत स्वीकार किया जाए। अगर सरकार सचमुच किसानों का भला चाहती है तो सबसे पहले तीनों कानूनों को रद्द करे, किसान संगठनों को बुलाकर उनकी समस्याओं को जाने। फिर समिति बनाकर व्यापक बहस के बाद किसानों की सहमति से क़ानून बनाया जाए। उन्होंने कहा, सरकार ने जो कमेटी बनाने की पेशकश की है वह प्रक्रिया संसद में कानून बनाने से पहले की है। इसका सरकार ने पूरी तरह से उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कृषि मामलों के स्थायी संसदीय समिति के सदस्य रहे हैं। कृषि से संबंधित बिलों के लिए यह परंपरा रही है कि सभी किसान संगठनों को इस पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया जाता है। उनकी राय ली जाती है, विशेषज्ञों की राय जानी जाती है और तब जाकर बिल में आवश्यक सुधार के बाद उसे सर्वसम्मति से पारित किया जाता है।