चरखी दादरी, 6 नवंबर (निस)
निर्माणाधीन ग्रीन काॅरिडोर 152 डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने से खफा किसानों ने दोबारा धरना शुरू करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। साथ ही निर्माणाधीन हाईवे को रोकते हुए अनिश्चितकालीन धरना देकर 2 करोड़ प्रति एकड़ का मुआवजा की मांग की। किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि उनको उचित मुआवजा नहीं मिला तो रोड नहीं बनने देंगे, चाहे उन्हें गोलियां क्यों न खानी पड़ें। किसान नेता अनूप खातीवास व धर्मबीर सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि कोरोना के कारण उन्होंने एक वर्ष तक चले धरने को स्थगित कर दिया था। उस समय सरकार व प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि किसानों को जमीन का वाजिब मुआवजा मिलेगा। बावजूद इसके किसानों के साथ अन्याय किया गया। इस मौके पर राकेश, जयपाल शर्मा, नरेश, पूर्व सरपंच रविंद्र, रामहेर लाकड़ा, राजेंद्र सिंह, साहब राम भी मौजूद थे।
आश्वासन नहीं किया पूरा
बता दें कि नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन काॅरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि सहित अनेक मांगों को लेकर दादरी जिले के 18 गांवों के किसानों द्वारा करीब एक वर्ष तक धरना दिया था। इसी बीच सरकार व प्रशासन ने उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया तो कोराना के चलते धरना स्थगित करना पड़ा। बावजूद इसके किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला। फिर से किसानों ने गांव खातीवास में हवन के साथ धरना शुरू किया और रोष प्रदर्शन करते हुए प्रति एकड़ 2 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा। हवन के दौरान किसानों ने संकल्प लिया कि करीब 440 किसानों को दो करोड़ प्रति एकड़ का मुआवजा मिले।