सोनीपत, 6 नवंबर (हप्र)
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि अगर आत्मनिर्भरता सीखनी है, तो भगवान श्रीराम सीखो। उन्होंने कहा कि श्रीराम के गुणों के कारण ही आयोध्या से वनवास जाते समय जनता श्रीराम के साथ चली। उन्होंने कहा कि जहां श्रीराम होते हैं, वहां पर राष्ट्र स्वयं खड़ा हो जाता है।
महाराज गिरी मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सृष्टि नायक भगवान श्रीराम पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ई-सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। सम्मेलन में 8 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अगर हमें आत्मनिर्भरता सीखनी है, तो भगवान श्रीराम से सीखनी होगी। जब रावण सीता का अपहरण करके श्रीलंका ले जाता है, तो उस समय श्रीराम ने संदेश अयोध्या नहीं भेजा बल्कि भील व वानरों की सेना को एकत्रित किया। श्रीराम ने अपनी सेना के अंदर आत्मविश्वास पैदा किया।
इस मौके पर भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय सांगठनिक सचिव मुकुल कानिटकर मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि राम राज्य के विचार पर हम 160 देशों को एक मंच पर ला सकते हैं।