सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 6 नवम्बर
हालांकि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा माता वैष्णो देवी की यात्रा का आंकड़ा प्रतिदिन 15 हजार किया गया है लेकिन अभी भी बेस कैम्प कटड़ा तथा यात्रा मार्ग पर अधिक चहल-पहल नहीं है।
कोरोना से पहले एक वक्त था जब वैष्णो देवी की यात्रा में 45 से 50 हजार श्रद्धालु शिरकत करते थे और कईयों को दर्शनों के लिए 2-2 दिन अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। दरअसल जम्मू-कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर पर अभी भी पाबंदियों के चलते दिक्कतें पेश आ रही हैं। अंतर राज्यीय बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद है। पंजाब और हिमाचल से आने वाली यात्री बसें लोगों तथा श्रद्धालुओं को लखनपुर में रावी के पार छोड़ देती हैं और फिर वहां से 100 किलोमीटर दूर जम्मू या फिर 150 किमी दूर कटरा तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। अभी दर्शनार्थ को आनलाइन बुकिंग भी जरूरी है।
क्या कहते हैं स्थानीय व्यापारी
स्थानीय व्यापारियों ने साफ किया कि जब तक अंतर राज्यीय बसों का परिचालन और ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी तब तक माता वैष्णो देवी की यात्रा में वृद्धि होना संभव नहीं है। कटरा होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने उपराज्यपाल की ओर से यात्रा का आंकड़ा प्रतिदिन 15 हजार रुपए बढ़ाने का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने साफ किया कि इसके लिए बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के बिना प्रतिदिन का आंकड़ा पूरा करना मुमकिन नहीं है। बाहरी राज्यों से वहीं श्रद्धालु माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आ रहे हैं जिनके पास अपने निजी वाहन हैं। मार्च महीने से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में अंतर राज्यीय बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद है। उन्होंने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अंतर राज्यीय बसों का परिचालन शुरू करने की मांग की है।