सिरसा, 16 सितंबर (निस)
2016 में श्रीगंगानगर (राजस्थान) से एक लावारिस विक्षिप्त हालात में एक महिला को भाई कन्हैया आश्रम सिरसा में भर्ती करवाया गया। आश्रम में आने के बाद सेवा उसका इलाज शुरू हुआ। कुछ समय बाद मंजू ने बताया कि वह श्रीनगर की रहने वाली है।
ट्रस्ट के सेवादारों द्वारा मंजू से उसके घर का पता पूछने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन वह अपना पूरा पता नहीं बता सकी। लगभग एक साल इलाज के बाद महिला ने अपना श्रीनगर में स्थित घर का पता बताया। महिला ने अपने बेटे का नाम आजीज बताया। श्रीनगर पुलिस द्वारा इंटरनेट से संपर्क किया गया, लेकिन वहां के हालात ठीक नहीं होने की वजह से पुलिस या मिलिट्री महिला के घर का पता नहीं लगवा सकी।
कुछ समय बाद जब महिला की सूचना उसके बेटे अजीज खान को मिली तो उसने अपनी मां को फोन किया। इसके बाद वह अपने भाई के साथ कन्हैया आश्रम में पहुंचा। ट्रस्ट के मुख्य सेवादार गुरविंदर सिंह ने बताया कि आश्रम में इस तरह के लगभग 300 लोग रह रहे हैं लगभग 290 को उनके परिवारों के साथ मिलवा चुके हैं।