दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 सितंबर
हरियाणा में कोरोना के पॉजिटिव केस एक लाख का आंकड़ा पार कर गए हैं। लगातार फैल रहे संक्रमण की वजह से अब सरकार ने अपने ही फैसले को पलट दिया है। अब फिर से तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही ड्यूटी पर बुलाया जाएगा। इन कैटेगरी के कर्मचारियों की रोटेशन आधार पर ड्यूटी लगेंगे। विभागों के मुखिया यह तय करेंगे कि पहले सप्ताह किन कर्मचारियों को बुलाना है और दूसरे सप्ताह किनकी ड्यूटी लगेगी।
मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने प्रदेश में बढ़ते मामलों को देखते हुए नये सिरे से गाइड लाइन जारी की है। इसके तहत चंडीगढ़ व पंचकूला प्रदेश मुख्यालय के अलावा जिलों व उपमंडलों में भी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के 50 प्रतिशत ही कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जा सकेगा। वहीं प्रथम व द्वितीय श्रेणी के 100 प्रतिशत अधिकारियों को ड्यूटी पर आना होगा। ये आदेश विभागों के अलावा बोर्ड-निगमों, सोसायटियों व सभी यूनिवर्सिटी में भी लागू होंगे।
विभागों व बोर्ड-निगमों में फाइलों की मूवमेंट भी कम से कम करने को कहा है। कर्मचारियों के लिए मॉस्क लगाना अनिवार्य होगा। दफ्तर में एंट्री से पहले थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य होगी। बाहरी लोगों की बिना अनुमति के एंट्री नहीं होगी। सभी विभागों के मुखियाओं को निर्देश दिए हैं कि थर्मल स्कैनर व सैनेटाइजर आदि के लिए बजट उपलब्ध करवाएं। अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे मीटिंग में अधिक भीड़ न जुटाएं। मीटिंग करना बहुत जरूरी है तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही बैठक करें।
सभी विभागों के अधिकारियों को कहा गया है कि वे उनके यहां लगे वाटर टैंक/कूलर की नियमित रूप से सफाई सुनिश्चित करें। अधिकारियों को कहा गया है कि वे यह भी ध्यान रखें कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसका तुरंत टेस्ट करवाया जाए। सरकारी भवनों में एसी चलाने के लिए भी पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) विभाग द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन करना होगा।