कुरुक्षेत्र, 5 सितंबर (हप्र)
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आए हैं। बिछा दो अपनी पलकों को मेरे दातार आए हैं। नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की तथा सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं… इत्यादि राधा और कान्हा भाव के भजनों पर गीता ज्ञान संस्थानम में आयोजित छठी उत्सव पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया। सोनीपत निवासी भजन गायक राजीव शास्त्री ने जब हुई रोशन मेरी गलियां, के पातनहार आए हैं, गाया तो श्रद्धालु थिरके बिना नहीं रह सके। स्वामी ज्ञानानंद के सान्निध्य में आयोजित कान्हा छठी उत्सव का श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया। इस भजन संध्या का शुभारंभ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डा. सतीश कुमार, नगर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. हिमांशु आनंद, दीनबंधू छोटूराम यूनिवर्सिटी मुरथल के रजिस्ट्रार डॉ. सुरेश, भिवानी से आए मनोज तंवर, डा. सदाहंस तथा अतुल गोयल ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारा आयोजित किया गया।
स्वामी ज्ञानानंद ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि छठी उत्सव हम सबके भाग्य निर्धारण का दिन है। इसी दिन कान्हा ने पूतना को मोक्ष दिया था। छठी उत्सव का महत्व बताते हुए स्वामी ने कहा कि कृष्ण अवतार एक अद्भुत अवतार है। यह नाचने-नचाने और हर स्थिति में मुस्कुराने की प्रेरणा देता है। छठी उत्सव को कान्हा का नामकरण किया गया था। दुनिया भर में जहां भी गीता से संबंधित सामग्री उपलब्ध है, उसे गीता ज्ञान संस्थान में एकत्रित किया जाएगा ताकि गीता पर शोध करने वालों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो सके।