मोहाली, 3 सितंबर (निस )
पंजाब सरकार छह -छह महीने से वेतन दे नहीं रही। अपने वेतन की मांग कर रहे कर्मचारी जब सड़क पर उतरते हैं तो विभाग के अधिकारी काम नहीं वेतन नहीं की चिट्ठी निकाल रहे हैं। पहले अधिकरी ये तो जबाब दें कि वेतन देते कब हैं। शुक्रवार को पंचायत सचिव यूनियन के पदाधिकारियों व पंचायत सचिवों ने पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला। पंचायत सचिवों की ओर से पंचायत भवन के सामने रैली गई।
इसके बाद वे चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास को घेरने के लिए बढ़े लेकिन चंडीगढ़ बार्डर पर गीता भवन मंदिर के पास पंचायत सचिवों को रोक लिया गया। पंचायत सचिवों का एक ज्ञापन प्रशासन की ओर से लिया गया। पंचायत यूनियन के प्रधान जसपाल सिंह बाठ ने कहा कि सरकार के मंत्री से लेकर विधायक दो खेमों में बंटे हैं। उनके पास तो कर्मचारियों की समस्याएं सुनने का समय नहीं।
एक खेमा मुख्यमंत्री का बन गया है और दूसरा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का। कर्मचारी अपनी समस्याएं लेकर कहां जाएं। बाठ ने कहा कि पंचायत मंत्री ने मांगें मानने के लिए लिखित में कई माह पहले आश्वासन दिया लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं हुई। मजबूरी में सड़कों पर आना पड़ रहा है। पंचायत सचिव ब्लॉक खरड़ सिकंदर सिंह ने कहा कि बीती 31 अगस्त को पंचायत विभाग के डायरेक्टर ने एक पत्र निकाला की काम नहीं वेतन नहीं। लेकिन पिछले छह महीने का वेतन बीती एक सितंबर को दिया गया। वेतन समय पर आ नहीं रहा। उनकी मांग है कि वेतन समय पर मिले। काम लिया जा रहा है लेकिन सरकार वेतन नहीं दे रही।
‘समय पर मिले पदोन्नति’
पंचायत सचिवों ने कहा कि उनकी मांग है कि समय पर पदोन्नति मिले। क्योंकि वे पंचायत सचिव भर्ती होते हैं और पंचायत सचिव ही सेवानिवृत हो जाते है। पंचायत सचिवों को पुरानी पेंशन या नई पेंशन योजना में शामिल किया जाए। विभाग कर्मचारियों के दूर दूर तबादले करता है । इसलिए इसको लेकर भी पॉलिसी बनाई जाए। कर्मचारियों ने कहा कि इस सब मांगों को लेकर लिखित में सरकार ने सहमति दी थी लेकिन अब वायदे से पलट गई। इस दौरान कर्मचारियों ने की ओर पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।