रोहतक, 25 सितंबर (हप्र)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने बर्खास्त एवं छंटनीग्रस्त कर्मचारियों के समायोजन एवं बहाली की मांग को लेकर 31 अक्तूबर को सीएम सिटी करनाल में राज्यस्तरीय आक्रोश धरना देने का फैसला लिया है। यह फैसला शनिवार को सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में बर्खास्त एवं छंटनीग्रस्त कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में कर्मचारी भवन में आयोजित बैठक में लिया गया।
इस बैठक में 1983 बर्खास्त पीटीआई, 816 ड्राइंग टीचर, 54 कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, 115 नलहड़ मेडिकल कॉलेज नूंह की नर्सों, 1518 ग्रुप डी खेल कोटे, हरट्राॅन मुख्यालय पंचकूला, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी, आईटीआई ठेका कर्मचारी, गुरुग्राम नगर निगम, कोविड हस्पताल हिसार, मार्किट कमेटी फायर ब्रिगेड, बिजली निगम के बर्खास्त एवं छंटनीग्रस्त कर्मचारियों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया और आंदोलन के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया। बैठक में सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में बर्खास्त एवं छंटनीग्रस्त कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए शीघ्र समायोजन एवं बहाली की मांग की गयी।
समायोजन का वादा नहीं किया पूरा
प्रधान सुभाष लाम्बा, महासचिव सतीश सेठी ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पीटीआई, ड्राइंग व ग्रुप-डी खेल कोटे के बर्खास्त कर्मचारियों के समायोजन का वादा किया था, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। स्वास्थ्य व कौशल विभाग के मंत्रियों के आदेशों तक को विभाग के अधिकारी व ठेकेदार नहीं मान रहे। यही नहीं, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से सफाई ठेका कर्मियों को मुख्य सचिव के निर्देशों के बावजूद नौकरी से हटा दिया गया है। हिसार कोविड हस्पताल व नलहड़ मेडिकल काॅलेज से स्टाफ नर्सिस को नौकरी से निकाल दिया गया है। नगर निगम गुरुग्राम व मार्केट कमेटी से फायर कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। हारट्रोन पंचकूला से निर्दोष सैकड़ों डाटा एंट्री ऑपरेटर को नौकरी से निकालकर ठेकेदार के हवाले किया जा रहा है।