कैथल, 23 सितंबर (हप्र)
दो दिन से लगातार चल रही बरसात व तेज हवाओं ने किसानों की 6 महीने की खून-पसीने की कमाई को पलभर में मिट्टी में मिला दिया। बरसात ने किसानों को सताया और तेज हवाओं ने रुलाकर रख दिया। धान की फसल पक कर तैयार हो चुकी थी, लेकिन बरसात व हवाओं के कारण उनकी फसल जमीन पर गिर जाने के कारण काफी नुकसान हो चुका है। अगर मौसम का यही हाल रहा था उनके नुकसान का आकलन और अधिक हो सकता है। पकी हुई धान नीचे गिर जाने से अंकुरित हो जाती है। इससे उसका दाना नष्ट हो जाता है। खुले आसमान के नीचे किसानों का पीला सोना पल भर की बरसात से पानी ही पानी हो गया। किसान श्याम लाल, रविदत्त, सुभाष चंद, बलजीत, रामकुमार ने कहा कि एक सप्ताह से मंडी में पीआर धान को लिए बैठे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी धान की खरीद नहीं की जा रही है। इससे आज अचानक हुई बरसात के कारण धान की ढेरियां पानी में डूब गई हैं। धान की ढेरियों के पानी में डूब जाने के कारण उन्हें काफी नुकसान हो गया है। किसानों का कहना है कि सरकार की 1 अक्तूबर से धान की खरीद पालिसी की परम्परा वर्षों पुरानी है। जब सरकार खरीद के अन्य मापदंड बदल चुकी है तो मंडी में धान की ढेरी आते ही उसकी सरकारी खरीद की जानी चाहिए। किसानों ने सरकार से मांग की है कि पीआर धान की सरकारी खरीद तुरंत की जाए।
बरसात से फसलें चौपट, शहर जलमग्न
फतेहाबाद (एस) : पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बरसात ने शहर से पूरा शहर जलमग्न हो गया है। टोहाना व रतिया में भी जमकर बादल बरसे हैं। बरसात के कारण किसानों को अब भारी नुकसान हुआ है। कई गांवों में नरमा व कपास के खिले हुए टिंडे दोबारा उगने आरंभ हो गए हैं। हर टिंडों को हवा नहीं लगने के कारण वह गलने शुरू हो गए हैं और उनमें गुलाबी सुंडी की बीमारी आरंभ हो गई है। क्षेत्र के दर्जनों गांवों में फसलों में दो-दो फुट पानी भर गया है। भट्टूकलां क्षेत्र में नरमा, कपास, मुंगफली व मूंग की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। किसानों के अनुसार, नरमा व कपास की लगभग 90 फीसदी फसल खराब हो गई है। फतेहाबाद शहर में धर्मशाला रोड, जवाहर चौक, जीटी रोड, एमसी कॉलोनी, आशीर्वाद पैलेस वाला रोड, अनाजमंडी, नया बस स्टैंड, सिविल अस्पताल सब पानी से लबालब दिखाई दिये। इससे लोगों में भारी रोष देखा जा रहा है।
किसानों के अरमानों पर फिरा पानी
सिरसा (निस) : जिले में लगातार हो रही बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। नरमा-कपास व ग्वार-बाजार की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। उधर, बरसात से शहरी क्षेत्रों में भी बुरा हाल है। सड़कों व गलियों में भरा बरसाती पानी किसी आफत से कम नहीं है। बृहस्पतिवार को दिनभर बरसात हुई, जिससे शहर में जलभराव की स्थिति बनी रही। जिलाभर में औसतन 15 एमएम बरसात हुई। सबसे ज्यादा चोपटा इलाके में 25 एमएम बरसात हुई। इन दिनों नरमा की चुगाई का समय है, लेकिन बरसात से जहां नरमा के खेतों में पानी भर गया है, वहीं फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। बृहस्पतिवार को आई भारी बरसात से पंजाब बस स्टैंड, आरा रोड, अनाज मंडी, डॉक्टर मार्केट, भगत सिंह मार्केट, टैलीफोन एक्सचेंज वाली रोड,बस स्टैंड रोड आदि मार्गो पर जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पडा। न्यू आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप जैन ने कहा कि पालिका ने शहर में सड़कों पर करोडों रुपये खर्च कर दिए, परंतु बरसाती पानी की निकासी के लिए कोई प्रयास नहीं किए, जिस कारण हर बार बरसात के समय लोगों को जलभराव जैसी स्थिति से जूझना पड़ता है।
अधिकतर वार्डों में हुआ जलभराव
कलायत (निस) : बुधवार और बृहस्पतिवार को रुक-रुक कर हुई बरसात ने कस्बे और ग्रामीणों की समस्या बढ़ा दी है। बरसात के चलते कस्बे के लगभग हर एक वार्ड में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। पुराने नगरपालिका कार्यालय, श्री कपिल मुनि रोड, पुराने मेन बाजार को जाने वाली गली वार्ड 6 में बसंती माता वाली गली, वार्ड 11 में इंदिरा कॉलोनी व अनाज मंडी में कई-कई फुट तक जलभराव हो गया जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बुधवार को सुबह से बात दोपहर तक हल्की बूंदाबांदी हुई जो करीब दोपहर 2 बजे तक चली। बृहस्पतिवार को करीब 2 बजे फिर बरसात ने दस्तक दी और समाचार लिखे जाने तक बरसात लगातार जारी थी। किसान गोपाल राणा संदीप रामकुमार, ईश्वर सिंह, तेजपाल, राजेंद्र, मामराज आदि ने कहा कि मोटी धान और कपास की फसल में बरसात के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पहले भी बाड़ी की फसल में बरसात के कारण किसानों का भारी नुकसान हो चुका है। उन्होंने सरकार से गिरदावरी करवा उचित मुआवजे की मांग की है।
बरसात से धान की फसल को भारी नुकसान
सीवन (निस) : पिछले तीन दिन से चल रही बरसात अब जी का जंजाल बनती जा रही है। जो धान पक कर तैयार है उसे काटने और रखने में परेशानी हो रही है। जो धान अभी तैयार नहीं है वह खेत में बिछ गया है और उसे नुकसान हो रहा है। सब्जी की फसलों को भी खासा नुकसान है। क्षेत्र के किसान जरनैल सिंह धन्जु, राजेश रहेजा, कुलदीप सिंह, राजविन्द्र सिंह, भीषू चौधरी, विजय सरदाना, अन्तर सिंह, विक्की आहुजा, सतीश सरदाना, जितेन्द्र सरदाना, राज कुमार वधवा व अन्य किसानों का कहना था कि यह बरसात फसलों को नुकसान कर रही है।
भारी बरसात से धान की फसल नीचे गिरी
जगाधरी (निस) : बृहस्पतिवार को सुबह से ही जगाधरी आदि इलाकों में तेज बरसात हुई। इससे जगह-जगह हुए जलभराव से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा,वहीं चली तेज हवा से धान की फसल को भी नुकसान हुआ। खराब मौसम ने धान उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ा दी है। शाम चार बजे तक जगाधरी क्षेत्र में 28 तो छछरौली क्षेत्र में 32 एमएम बरसात हो चुकी थी। चार दिन से बार-बार खराब हो रहे मौसम ने धान की फसल को लेकर किसानों की फिक्र बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को सुबह शुरू हुई तेज बरसात शाम तक चलती रही। जगाधरी, बूडिया, दादुपुर, खारवन, भेड़थल, भोगपुर, परवालो, दड़वा, शहजादपुर, ओदरी, चनेटी, कैल, हरिपुर जाटान आदि इलाकों में तेज बरसात हुई। बरसात के साथ चली हवा से धान की फसल गिर गई। वहीं जगाधरी के रेलवे बाजार, मटका चौक, सिविल लाइन, शांति कालोनी, गंगा नगर, चनेटी रोड आदि इलाकों में जलभराव होने से लोगों को दिक्कत हुई। कृषि विशेषज्ञ भी मौसम को फसलों के लिए नुकसानदायक मान रहे हैं। शाम चार बजे तक जगाधरी इलाके में 28, छछरौली में 32 एमएम व प्रताप नगर में 38 एमएम बरसात हो चुकी थी। तेज बरसात में दिखाई न देने से डंपर दूसरे वाहन की साइड लगने से क्षतिग्रस्त हो गया।
बाबैन में बरसाती पानी में डूबीं मंडी में पड़ी धान की ढेरियां
बाबैन (निस) : प्रदेश की भाजपा सरकार के कुछ नुमाइंदे हलका लाडवा में 400 करोड़ रुपये की राशि से भी ज्यादा करवाए गए विकास कार्यों का लम्बे समय से दावा ठोक रहे हैं। भाजपा द्वारा करवाये गए विकास कार्यों की पोल बाबैन की अनाज मंडी, बाबैन की कालोनियों में लोगों के घरों के आगे पीछे खड़ा बरसाती पानी सरेआम खोल रहा है। बाबैन की अनाज मंडी में खड़े बरसाती पानी ने मंडी में पड़ी धान की ढेरियों को भी अपनी चपेट में ले लिया है, जिस कारण किसानों का लाखों रुपये का नुकसान होने की संभावना है। जमा हुए बरसाती एवं गंदे पानी से परेशान गुरनाम सिंह, सन्नी, प्रिंस, रामेश्वर, सचिन रमेश कुमार, दिनेश कुमार आदि लोगों का कहना है कि बाबैन की पानी की निकासी की समस्या ज्यों की त्यों खड़ी है। आज तक बनने वाली किसी भी सरकार के मंत्री व विधायक ने बाबैन की निकासी की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। विधायक चौधरी मेवा सिंह का कहना है कि भाजपा का एक सूत्रीय कार्यक्रम झूठे बोलकर व बयानबाजी कर लोगों की वोट हथियाना है। लाडवा के पूर्व विधायक पवन सैनी ने कहा है कि बाबैन की पानी की निकासी का भी समाधान जल्दी करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि बाबैन सहित हलका लाडवा में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं रहने दी जाएगी।
यमुनानगर में जगह-जगह हुआ जलभराव
यमुनानगर (हप्र) : यमुनानगर में भारी वर्षा से जहां शहर के अधिकांश इलाकों में जलभराव हुआ, वहीं पानी लोगों के घरों में जा घुसा, जिससे लोगों का भारी नुकसान हुआ। शहर के आजाद नगर, लाजपत नगर, विजय नगर कॉलोनी, ग्रीन पार्क, रामपुरा, शिवपुरी कॉलोनी सहित अधिकांश इलाकों में कई के फुट पानी खड़ा नजर आया। वहीं शहर से गुजरने वाले हाईवे पर भी पानी आने से वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रदेश की मंडियों में धान की खरीद 25 सितंबर से शुरू किए जाने के आदेश हैं, लेकिन यमुनानगर की 8 अनाज मंडियों में लाखों क्विंटल गेहूं पिछले साल का शेड के नीचे पड़ा हुआ है, जिसके चलते किसानों व आढ़तियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों द्वारा धान मंडी में लाना शुरू किया गया है। मौसम के बदलाव के चलते वर्षा भी किसानों व आढ़तियों को परेशान करने लगी है। मंडी में आया धान भीग रहा है, उसे सुरक्षित रखने के लिए शेड नहीं है।
भारी बरसात से दुकानों में घुसा पानी
शाहाबाद मारकंडा (निस) : बृहस्पतिवार को जमकर बरसात हुई और नगरपालिका की लापरवाही तथा पानी की निकासी न होने का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ा। देवी मंदिर रोड पर अनेक दुकानों में पानी घुस गया और हर चीज तैरती नजर आई। दुकानदार दुकानें जल्दी बंद करके अपने घरों को रवाना हो गए। अनेक दुकानदार अपनी दुकानों से पानी निकालते देखे गए। स्थिति उस समय और भी बिगड़ जाती थी जब कोई तेज रफ्तार वाहन सड़क से गुजरता था तो बरसात का पानी दुकानों के भीतर तक घुस जाता है। पुरानी सब्जी मंडी पूरी तरह से पानी में डूबी पड़ी थी। शाहाबाद निवासी प्रवीण शर्मा, गिरीश कोहली, दीपक आनंद, पुरुषोत्तम वर्मा, जिम्मी खुराना, रोहित पूजानी ने कहा कि आलाधिकारी इस ओर ध्यान दें।