प्रयागराज, 22 सितंबर (एजेंसी)
निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि का जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें महंत की लिखावट नहीं है। दिवंगत महंत के सबसे करीबी माने जाने वाले संतों में से एक कैलाशानंद जी महाराज ने कहा, ‘मैं इसे सुसाइड नोट नहीं मानता, क्योंकि इसमें नरेंद्र गिरि जी की लिखावट नहीं है। मैं उन्हें 20 साल से जानता हूं, नरेंद्र गिरि जी लिखते नहीं थे।… निःसंदेह नरेंद्र गिरि जी महाराज कभी पत्र नहीं लिखते थे। यदि उनका लिखा हुआ किसी के पास कुछ है, तो वह दिखाए। मुझसे अधिक उन्हें कोई नहीं जानता। मैं 2003 से उनसे, इस मठ से जुड़ा हुआ था। हर परिस्थिति में मैंने उनका साथ दिया। वह हस्ताक्षर भी बहुत मुश्किल से करते थे।’ कैलाशानंद महाराज ने कहा, ‘उनके हस्ताक्षर में नाम के सारे शब्द अलग होते थे। वहीं जो सुसाइड नोट सामने आया है, उसमें बड़े टेक्निकल शब्द लिखे हुए हैं। कई ऐसे शब्द हैं जैसे आद्या तिवारी। ऐसा लग रहा है किसी विद्वान व्यक्ति ने यह लिखा है।’
दिवंगत महंत को भू समाधि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को बुधवार दोपहर उनके मठ में पूर्ण विधि विधान से भू समाधि दी गयी। उनकी बहन और अन्य परिजनों समेत सभी अखाड़ों के पदाधिकारी इस दौरान मौजूद रहे। बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को श्रीमठ बाघंबरी गद्दी लाया गया और फूल मालाओं से तैयार एक विशेष वाहन में रखा गया। गाजे-बाजे के साथ यह वाहन संगम क्षेत्र ले जाया गया, जहां पार्थिव शरीर पर गंगा जल छिड़का गया। वहां से वाहन बड़े हनुमान मंदिर ले जाया गया, जहां मंदिर में प्रयुक्त फूल पार्थिव शरीर पर चढ़ाए गये। इसके बाद वाहन को वापस श्रीमठ बाघंबरी गद्दी लाया गया, जहां महंत नरेंद्र गिरि को उनकी इच्छा के मुताबिक नींबू के पेड़ के नीचे समाधि दी गयी।
5 डॉक्टराें ने किया पोस्टमार्टम : महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को अपने मठ में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। बुधवार सुबह एसआरएन अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम ने उनके शव का पोस्टमार्टम किया, जो करीब ढाई घंटे चला। उसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पुलिस के एक उच्च अधिकारी को सौंप दी गई।
2 आरोपी न्यायिक हिरासत में : पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या के मामले में 2 आरोपियों- आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को बुधवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इससे पहले आनंद गिरि के वकील ने जमानत याचिका पेश की, लेकिन न्यायाधीश ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद जमानत याचिका नामंजूर कर दी। जांच अधिकारी ने साक्ष्य के तौर पर दिवंगत महंत के 2 मोबाइल फोन, मरने से पूर्व महंत नरेंद्र गिरि द्वारा बनाया वीडियो, नायलॉन की रस्सी, चाकू, 7 पन्नों का सुसाइड नोट पेश किया। मामले की अगली सुनवाई 5 अक्तूबर को होगी।