मुंबई, 22 सितंबर (एजेंसी)
महाराष्ट्र में हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले एक जांच आयोग ने उसके समक्ष पेश नहीं होने के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ बुधवार को फिर से जमानती वारंट जारी किया। सिंह ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इस सिलसिले में उन्हें आयोग के सामने पेश होना था। मामले के विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरे ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। इस साल मार्च में, महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त जज कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल की अगुवाई में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था। उन्होंने कहा कि आयोग ने सिंह को कई बार समन जारी कर उनसे पेश होने को कहा था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए, इसलिए आयोग ने उनके खिलाफ सात सितंबर को एक जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन वारंट की तामील नहीं होने के कारण, इसे अब 6 अक्तूबर तक फिर से जारी किया गया है।
इससे पहले आयोग ने उसके सामने पेश नहीं होने पर सिंह पर जून में 5,000 रुपये और पिछले महीने दो मौकों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने और होमगार्ड में स्थानांतरित करने के कुछ दिन बाद सिंह ने मार्च में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्तरां और बार मालिकों से पैसे लेने के लिए कहते थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख ने इस वर्ष अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से भी इनकार किया है।