सतीश जोशी/निस
नीलोखेड़ी, 22 मई
सिविल अस्पताल के नये भवन का पिछले दो महीनों से बन्द पड़ा निर्माण कार्य लोगों के लिए परेशानी का सबब बनने लगा है। इस निर्माण के लिए पुराने भवन का भी कुछ हिस्सा तोड़ने से अस्पताल में चिकित्सकों के बैठने तक के लिए पर्याप्त स्थान नहीं बचा है, जिसके चलते एक कमरे में 2-2 चिकित्सक बैठते हैं।
उपचार हेतु दाखिल करने के लिए अस्पताल में पर्याप्त बैड भी नहीं हैं। पुराने भवन के शेष बचे एक महिला वार्ड को महिलाओं और पुरुषों के 6-6 बैड में तबदील कर दिया गया है, वहीं जच्चा-बच्चा के लिए वार्ड की व्यवस्था अलग से उपलब्ध है। वायरल आदि रोगों के सीजन में मरीजों को दाखिल करने के लिए बैड कम पड़ जाते हैं, ऐसे मे कई बार मरीज अपने घर से फोल्डिंग लाकर उस पर ही लेटकर अपना उपचार करवाते हैं।
हालांकि, अस्पताल प्रबन्धन विपरीत परिस्थितियों में कुछ बैड लगवा देने का दावा करता है। बता दें कि 10 सितंबर, 2019 को तत्कालीन विधायक भगवानदास कबीरपंथी ने अस्पताल के पहले चरण का निर्माण कार्य चालू करवाया था। करीबन 60,000 वर्ग फुट में बनने वाले चार मंजिला भवन पर 6.80 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
निर्माण कार्य के लिए 18 महीने का समय निर्धारित होने के बावजूद एक साल बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। निर्माण कार्य पूरा होने से लोगों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त आप्रेशन हाल के अतिरिक्त विभिन्न रोग विशेषज्ञों तथा 50 बैड की सुविधा मिल सकेगी। क्षेत्र के लोगों ने विधायक से लेकर मुख्यमन्त्री तक गुहार लगा चुके हैं कि निर्माण कार्य को जल्द पूरा करवाया जाए।
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ का कहना है
पीडब्ल्यूडी(बीएंडआर) के एसडीओ यशपाल ने बताया कि सीएम घोषणा के तहत हो रहा अस्पताल का निर्माण कब पूरा होगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा सकता है। पिछले दो मास से रुके हुए निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए बीएस कन्सट्रक्शन कम्पनी के मालिक को कई बार पत्र लिखकर जल्दी निर्माण पूरा करने के लिए कहा जाता रहा है।
एसएमओ ने बताया
एसएमओ डॉ. अन्नु शर्मा ने बताया कि नये भवन के निर्माण के चलते चिकित्सकों के बैठने और मरीजों को दाखिल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके अस्पताल आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने का प्रयास लगातार किया जाता है। उन्होंने बताया कि दो चरणों में होने वाले निर्माण के तहत पहले चरण में 50 बैड का भवन तैयार किया जाना है। कुछ कारणों के चलते निर्माण कार्य रुका हुआ है, जिसके बारे में समय-समय पर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जाता है।