अम्बाला शहर, 15 सितंबर (हप्र)
उत्तर भारत का प्रसिद्ध एवं अम्बाला शहर में मनाया जाने वाला ऐतिहासिक वामन द्वादशी मेला आज श्रद्धा एवं उल्लास के साथ प्रारंभ हो गया है। पूजा-अर्चना के साथ भगवान वामन के 5 स्वरूपों के हिंडोलों को परंपरागत रूप से शहर की पुरानी अनाज मंडी में बनाए गए भव्य पंडाल में स्थापित किया गया। इस बार के उत्सव में तीनों दिन केवन भजन कीर्तन व पूजा ही होगी बाकी कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बड़े ठाकुर द्वारा से भगवान का पहला हिंडोला शोभायात्रा की शक्ल में बैंड बाजों के साथ पंडाल की ओर चला। यहां से पहले हिंडोले की सनातन धर्म सभा के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने विधिवत पूजा-अर्चना की और हिंडोले को मंडी की ओर रवाना किया। इस मौके पर नगर विधायक असीम गोयल नन्यौला विशेष रूप से मौजूद रहे। बड़े ठाकुर द्वारा के बाद मंदिर राधेश्याम से एक हिंडोला लेकर शोभायात्रा बाजारों से होती हुई आगे बढ़ी। दो हिंडोले कलाल माजरी स्थित मंदिरों से तथा एक नौहरियां मंदिर से लेकर शोभायात्रा निर्धारित पूजा उत्सव स्थल पर पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए।
शोभायात्रा में इस बार कोरोना नियमों के कारण स्कूली बच्चों को शामिल नहीं किया गया। शोभायात्रा पुराना सिविल अस्पताल रोड, कुम्हार मोहल्ला, शांति देवी धर्मशाला रोड, गेंडामल धर्मशाला रोड, बाजार बस्ती राम, सर्राफा बाजार, कोतवाली बाजार, तंदुरान बाजार से होते हुए पुरानी मंडी पहुंची।
शोभायात्रा से पूर्व पंडाल में भूमि पूजन किया गया। 17 सितंबर को पुरानी अनाज मंडी से सांकेतिक शोभा यात्रा के रूप में नौरंगराय सरोवर में ही भगवान वामन के हिंडोलों को ले जाया जाएगा जहां जलाभिषेक और पूजा-आरती करके वापस उनके मंदिर स्थानों पर स्थापित कर दिया जाएगा। मालूम हो कि 3 दिन तक चलने वाला यह उत्सव गत 135 वर्षों से सनातन धर्म सभा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर सभा प्रधान जीतराम अग्रवाल, सचिव विनोद गर्ग, मदन लाल, नरेश अग्रवाल, वीरेंद्र अग्रवाल, सुरेश कुमार सहित अनेक लोग मौजूद रहे।