पिंजौर, 12 सितंबर (निस)
कालका, पिंजौर क्षेत्र में इस बार मॉनसून की बेरुखी के कारण जहां एक और किसानों की फसलों को नुकसान हुआ वहीं दूसरी ओर भूमिगत जल स्तर न बढ़ने के कारण कुओं और ट्यूबवेलों का जलस्तर भी कम रहा। कई वर्षों के बाद कालका, पिंजौर क्षेत्र में मानसून की बारिश औसत से काफी कम दर्ज की गई। हर वर्ष अगस्त और सितंबर माह में पिंजौर की कौशल्या नदी पर बने कौशल्या डैम का पानी अगस्त और सितंबर के महीने के दौरान कई बार खतरे के निशान को पार कर जाता था। 2-3 बार डैम के गेट खोल कर पानी छोड़ा जाता था लेकिन इस बार डैम के जलाशय का जलस्तर खतरे के निशान 478 फुट को छूना तो दूर की बात है उससे अभी भी लगभग 5 फुट नीचे दर्ज किया गया। रविवार को जलाशय के पानी का जलस्तर 473 फुट के आसपास ही था। जानकारों के अनुसार यदि सर्द ऋतु में भी बारिश कम पड़ी तो अगले वर्ष गर्मी के मौसम में कालका क्षेत्र को सूखे की भारी मार झेलनी पड़ सकती है।