यमुनानगर,10 अगस्त (हप्र)
लंबे इंतजार के बाद मानसून पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हुआ है। इसके चलते यमुना व सोम नदी पानी से लबालब हो चुकी हैं। यमुना में जहां दोपहर 12 बजे 52690 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया वही, सोम नदी में भी 18000 क्यूसेक तक पानी आया। हालांकि इस पानी से बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ। लेकिन और ज्यादा वर्षा से इलाकों इलाके प्रभावित हो सकते हैं। यमुना में हालांकि 52690 क्यूसेक पानी आया वह बहुत अधिक नहीं है। लेकिन इस सीजन में अभी तक 40000 क्यूसेक तक का आंकड़ा भी पार नहीं हो सका था। वैसे पिछले कुछ वर्षों की बात की जाए तो यमुना जुलाई और अगस्त में ही उफान पर आती रही है। पिछले साल तो अगस्त महीने के मध्य में 8 लाख 28000 क्यूसेक पानी यमुना में आया था जो पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड टूटा था। अभी इस मौसम में पहाड़ी इलाकों में ज्यादा वर्षा नहीं हुई इसलिए काफी समय से मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद थी। वही भारी बारिश के चलते शहरी इलाकों में जहां लोगों ने भीषण गर्मी से राहत की सांस ली वहीं कई निचले इलाकों में भी पानी भरने की सूचना है।
यमुना में पानी की कमी के चलते यमुना की प्राकृतिक तरीके से सफाई भी नहीं हुई थी। अब इस पानी से यमुना का काफी इलाका साफ हो जाएगा। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता हरिदेव कंबोज का कहना है कि हथिनी कुंड बैराज पर 75 हजार क्यूसेक के बाद हम मिनी फ्लड घोषित करते हैं। लेकिन अभी ऐसी कोई स्थिति नजर नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि सोम नदी में जरूर पानी आया है उसमें भी अभी चेक करवाया जा रहा है कहीं कोई ज्यादा नुकसान तो नहीं हुआ।
गांववालों को मिला संभलने का मौका
सोम नदी में पानी आने से कई गांव इससे प्रभावित हो सकते थे। लेकिन पहाड़ी इलाकों में वर्षा रुकने से गांव वालों को संभलने का मौका मिल गया। मलिकपुर बांगर गांव के सरपंच राजकुमार ने बताया कि गांव में बने सोम नदी के पुल तक पानी आ गया था। अगर बारिश पीछे से और ज्यादा होती तो यह इलाके के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती थी।