शिमला, 19 अगस्त (निस)
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने राज्य के सेब उत्पादकों को कोरोना महामारी के बीच भगवान भरोसे छोड़ दिया है। राठौर ने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य में सेब सीजन चरम पर है लेकिन सेब मंडियों में कोरोना से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। न तो सेब मंडियों में लोगों के आने-जाने का कोई रिकॉर्ड रखा जा रहा है और न ही इन मंडियों में थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजर या मास्क की व्यवस्था है। बाहरी राज्यों से सेब ढुलाई के लिए आ रहे चालकों और बाहरी राज्यों में सेब लेकर जा रहे चालकों की जांच का भी कोई प्रावधान नहीं है। इन मंडियों में सबसे बुरा हाल सफाई व्यवस्था का है।
राठौर ने कहा कि बागवानों को सबसे बड़ी समस्या नेपाली मजदूरों की कमी की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही इस चिंता से सरकार को अवगत करवाया था पर समय रहते उन्होंने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि जो कुछ थोड़े बहुत मजदूर आ भी रहे हैं, उन्हें कथित तौर पर भारी किराया लेकर लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को पांच दिन क्वारन्टाइन रखने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि क्वारन्टाइन केंद्रों की क्या हालत है इसे देख कर वह सन्न रह गए हैं। उन्होंने कहा कि एक कमरे में 20 से 25 लोग एक बाथरूम का प्रयोग करते हैं। राठौर ने सेब में बढ़ते स्क्रैब पर भी चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि आज यह रोग कोविड-19 महामारी की तरह सेब में भी फैल रहा है। उन्होंने कहा कि बागवानी विशेषज्ञ ने फरवरी माह में ही इस रोग के प्रति सरकार को चेताया था पर सरकार ने उस समय कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि आज स्क्रैब का सब से ज्यादा संक्रमण मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र के जंजैहली में ही फैल रहा है।
राठौर ने बागवानी मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी निष्क्रियता के कारण ही प्रदेश में बागवानी का 1134 करोड़ का एक बड़ा प्रोजेक्ट सिरे नही चढ़ा। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट बन गया होता तो आज बागवानों को कोई समस्या न देखनी पड़ती।