नयी दिल्ली, 9 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीमकोर्ट ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान विमान यात्रा के लिये बुक कराये गये टिकटों के बारे में बुधवार को केन्द्र्र को यह बताने के लिये कहा कि क्या वह इनका पूरा पैसा वापस करने के लिये तैयार है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये इस मामले की सुनवाई के दौरान नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के हलफनामे का जिक्र किया। इसमें कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान बुक किये गये टिकटों का पैसा वापस किया जायेगा। सालिसीटर जनरल ने पीठ से कहा कि अगर 15 मार्च को लॉकडाउन की अवधि से पहले भी टिकट बुक किया गया था तो भी धन वापस किया जायेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुये अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मेरी समझ के अनुसार, मान लीजिये कि लॉकडाउन से पहले 15 मार्च को लॉकडाउन की अवधि में यात्रा के लिये टिकट बुक कराया गया था और यह उड़ान रद्द हो गयी तो टिकट की पूरी धनराशि वापस की जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर यह टिकट एक दूसरे देश से कहीं और जाने के लिये बुक किया गया तो इस टिकट का पैसा लौटाना सरकार के हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इसी अवधि में घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिये टिकट बुक कराया हो तो सरकार ने ऐसे टिकट का पैसा लौटाने का प्रस्ताव दिया था और विचार कर रही है और उसने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इस वजह से एयरलाइंस को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि टिकट का पैसा वापस करने के प्रस्ताव को शीर्ष अदालत को मंजूरी देनी होगी। शीर्ष अदालत कोविड-19 की वजह से 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण रद्द हुयी उड़ानों के टिकटों का पूरा पैसा लौटाने से संबंधित मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा कि सभी अपने हलफनामे दाखिल करें। हम किसी और दिन इस पर सुनवाई करेंगे। ट्रैवेल एजेन्ट एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता नीला गोखले ने कहा कि उनका पैसा फंस गया है क्योंकि विमान कंपनियों ने कोई पैसा नहीं लौटाया है। शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को 23 सितंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया।