वक्त की जरूरत
हाल ही में वायुसेना में अत्याधुनिक मिसाइलों व घातक बमों से लैस फाइटर राफेल का शामिल होना देश के सुरक्षातंत्र को मजबूत करने का सार्थक प्रयास है। देश तो अपने नापाक पड़ोसियों को सुधारने के लिए तमाम कोशिश करता आया है, लेकिन वे फिर भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आते हैं। वायुसेना में अत्याधुनिक मिसाइलों व घातक बमों से लैस फाइटर राफेल के आने से पड़ोसी देशों की नींद हराम हो गई होगी। लेकिन भारत के लिए गर्व की बात है। यह भी सच है कि हम अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए हर समस्या का हल निकालना चाहते हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
शक्ति संतुलन
कारगिल युद्ध से पहले भारत की स्थिति कमजोर थी। सेना आधुनिक साजो-सामान की कमी से जूझ रही थी। इस जीत ने देश को सैन्य तथा कूटनीतिक पहलुओं को सुदृढ़ बनाने का अहसास कराया, परिणामस्वरूप यूरोप-अमेरिका हमारे करीब आए। उच्चकोटि के आधुनिक हथियार व तकनीक तथा सुपरसोनिक वायु शक्ति भारत को देने के लिए सहमत हो गए, जिनकी पहाड़ों तथा दुर्गम एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनाती की अत्यन्त आवश्यकता थी। इसी कूटनीति का प्रभाव है कि आज पड़ोसी देश भिड़ने से पहले नतीजे के बारे में सोचने को मजबूर हुआ है।
एम.एल. शर्मा, कुरुक्षेत्र
मनोबल बढ़ा
हाल में चीन और भारत के बीच हुए संघर्ष में भारतीय सुरक्षा बल चीन पर हावी रहे, यह हमारे सैनिकों का उचित समय के साथ सैन्य शक्ति को हथियारों से लेकर प्रशिक्षण शक्ति को बढ़ाने का ही वक्त है। सुखोई अत्याधुनिक मिसाइलों, घातक बमांे से लैस राफेल, रडार एवं अंतरिक्ष में उपग्रहों के जाल ने परिदृश्य ही बदल दिया। फाइटर राफेल ने तो भारतीय सेनाओं और देश का मनोबल बढ़ाया है। अब पड़ोसी देश हमारी अपार सैन्य शक्ति के आगे बौना नजर आता है।
रमेश चन्द्र पुहाल, पानीपत
सीमा सुरक्षा मजबूत
आधुनिक अस्त्र-शस्त्र व तकनीक ने भारतीय सीमा-सुरक्षा को मजबूत कर दिया है। राफेल उनमें से एक है। इससे वायुसेना को जो मजबूती मिली उससे सेना का मनोबल भी बढ़ा है। उन्हें विश्वास हो गया है कि सरकार उन्हें आधुनिक बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। सेना को हर मोर्चे पर तैयार रहने के लिए जो मजबूती इस सरकार ने दी है उससे सेना का मनोबल कई गुणा बढ़ गया है। आधुनिक समय में सेना किसी भी स्थिति में लड़ने के लिए सक्षम है। हाल ही में चीन सेना से मुठभेड़ इसका ताजा उदाहरण है।
एस.सी. राम राजभर, चंडीगढ़
मुंहतोड़ जवाब
अत्याधुनिक तकनीक से लैस राफेल फाइटर को सेना में शामिल करना समय की मांग थी। जब पड़ोस में पाकिस्तान व चीन जैसे दुश्मन देश हो तो बातचीत से कभी कुछ नहीं हो सकता। इन दोनों देशों ने हमेशा घात किया है। ये दोनों मुल्क बातचीत का ढोंग रचते हैं परन्तु अन्दर ही अन्दर छुरा घोंपने की ताक में रहते हैं। अब ये दोनों कोई भी कुटलबाजी करने से पहले सौ बार सोचेंगे। राफेल को सेना में शामिल करने से निश्चित ही पूरे देश का मनोबल बढ़ा हैं। अब देश आश्वस्त हो गया कि चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, गुरुग्राम
जीत सुनिश्चित
आज के ज़माने में कोई भी युद्ध आधुनिक उपकरणों के बिना जीता नहीं जा सकता। राफेल जैसे लड़ाकू विमान सेना में शामिल होने से भारत की छवि एक ताकतवर देश के तौर पर उभर कर आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल में जो हवा और जमीन में निशाना लगाने की क्षमता है, वैसी क्षमता फिलहाल चीन और पाकिस्तान दोनों की ही वायुसेना के किसी एयरक्रॉफ्ट में नहीं है, जिसके चलते भारत इन दोनों देशों से कहीं आगे है। श्रेष्ठ हथियारों के अभाव में युद्ध जीतने की कल्पना भी नहीं की जा सकती, परन्तु जहां हथियार उत्तम होते हैं, वहां जीत भी तय होती है।
दिव्येश चोवटिया, गुजरात
आत्मनिर्भरता जरूरी
फ्रांस से आयातित राफेल विमान से भारतीय वायुसेना की ताकत में वृद्धि हुई है। युद्धनीति का यह भी सिद्धांत है कि युद्ध में हथियारों का महत्वपूर्ण स्थान है। कोई कमजोर आर्थिकी वाला देश अच्छे हथियार होते हुए भी युद्ध नहीं जीत सकता। कोरोना लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। इस्राइल जैसे देश से भी हम रक्षा उपकरण खरीद रहे हैं। आखिर पिछले 73 सालों से आत्मनिर्भर क्यों नहीं बने? हमें चीन से मुकाबले के लिए हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। इसलिए देश को और मजबूती के लिए आत्मनिर्भरता भी जरूरी है।
निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद