नयी दिल्ली, 30 अगस्त (एजेंसी)
देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी के 7 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। बजट में इसके 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने व राजस्व संग्रह में कमी को देखते राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका है। रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव चालू वित्त वर्ष के पहले 3 महीने में राजस्व संग्रह में झलकता है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े के अनुसार, केंद्र सरकार का राजस्व संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले काफी कम रहा। आयकर (व्यक्तिगत और कंपनी कर) से प्राप्त राजस्व आलोच्य तिमाही में 30.5 प्रतिशत और जीएसटी लगभग 34 प्रतिशत कम रहा। दूसरी तरफ लोगों के जीवन और अजीविका को बचाने और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रत के तहत प्रोत्साहन पैकेज से व्यय में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि (13.1 प्रतिशत) हुई है। एजेंसी के अनुसार, इससे राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बजटीय लक्ष्य का 83.2 प्रतिशत पर पहुंच गया।