रोहतक, 6 अगस्त (निस)
प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को अभी तक बिना फीस दिए पढ़ाने वाले अभिभावकों के खिलाफ अब स्कूल संचालक भी लामबंद हो गए हैं। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने अभिभावकों को अपने बच्चों की स्कूल में फीस जमा करवाने के लिए दस दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर किसी अभिभावक ने 15 अगस्त तक अपने बच्चों की फीस स्कूल में जमा नहीं करवाई तो 16 अगस्त से उनके बच्चों का नाम ऑनलाइन ग्रुप से तो हटाया ही जाएगा। साथ ही बच्चे का नाम स्कूल से भी काट दिया जाएगा।
यह निर्णय कलानौर के प्राइवेट स्कूल संचालकों की एसजीडीएसडी स्कूल में हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान सुभाष रुहिल ने बताया कि हाईकोर्ट व हरियाणा शिक्षा विभाग के आदेश के बाद कई बार फीस जमा करवाने की सूचना दिए जाने के बाद भी अभिभावक स्कूल में फीस जमा नहीं करवा रहे हैं, जिसके कारण स्कूलों के सामने आर्थिक संकट आन खड़ा हुआ है।
स्कूल संचालकों का कहना था कि स्कूल बसों की मासिक किस्त की अदायगी, लोन की किश्त, बस की पासिंग, इंश्योरेंस, बिजली का बिल, ईएससीआई, पीएफ, अध्यापकों की सैलरी, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का वेतन, ड्राइवर, हेल्पर व स्कूल के अन्य खर्चे फीस पर निर्भर करते हैं। गांव के प्राइवेट स्कूलों में तो स्थिति और भी दयनीय है। इस अवसर पर दिनेश पूनिया, पंकज कुमार, नवीन राठी, प्रदीप श्योराण, सुनील शर्मा, अमरपाल परमार, संदीप कुमार, मनोज कुमार, मित्रपाल, मांडूराम, सोनिया धींगड़ा व मुरारी लाल उपस्थित रहे।
स्कूल प्रबंधक नहीं मान रहे एचआरडी के आदेश
फरीदाबाद (हप्र) : मानव संसाधन मंत्रालय ने स्कूल बंद होने के कारण विद्यार्थियों को दी जा रही ऑनलाइन क्लास के बारे में कुछ गाइडलाइन जारी की थी जिसके अनुसार एनसीईआरटी के सिलेबस के अनुसार नर्सरी, केजी के लिए रोज सिर्फ 30 मिनट की क्लास, एक से आठवीं के बच्चों के लिए 30 से 45 मिनट के दो सत्र और नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए 30 से 45 मिनट के चार सत्र की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा कि डीएवी स्कूल सेक्टर 14 तथा अन्य कई स्कूल प्रबंधक एचआरडी की गाइडलाइन के विपरीत अभी भी 3 से 4 घंटे की ऑनलाइन क्लास छात्रों को करा रहे हैं। डीएवी स्कूल 14 की प्रिंसिपल ने एक नया नोटिस निकालकर प्राइमरी व मिडिल छात्रों के लिए 9.30 से 12.30 की 3 घंटे की ऑनलाइन क्लास कराने का मैसेज पेरेंट्स को भेजा है। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने कहा है कि लॉकडाउन से पहले छात्र स्कूलों में बड़े ब्लैक बोर्ड पर दी जा रही पढ़ाई करने के बाद भी ट्यूशन लगाकर अपने होमवर्क व पढ़ाई को पूरा करते थे यह कार्य अब लॉकडाउन के बाद भी हो रहा है।
क्या कहते हैं नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर
नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर भी कहते हैं कि मोबाइल स्क्रीन पर लगातार पढ़ाई करने से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। लगातार स्क्रीन देखने से आंखें कमजोर होने के साथ-साथ मोबाइल की रेडिएशन से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। मंच का कहना है कि प्राइमरी व मिडिल क्लास के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।