छछरौली, 29 अगस्त (निस)
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा आयोजित होने के संदर्भ में दिया गया निर्णय छात्रहितों के लिए महत्वपूर्ण है तथा उनके भविष्य के लिए दूरगामी दृष्टिकोण से लिया गया है। एबीवीपी आवश्यक सावधानियों के साथ अंतिम वर्ष के छात्रों के मूल्यांकन के पक्ष में प्रारंभ से रही है। नीट-जेईई एवं विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के लिए अभाविप ने हेल्पलाइन जारी की है। एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष राजिंदर धीमान ने शनिवार को बातचीत करते हुए कहा कि इन परीक्षाओं को कराते हुए छात्रों की समस्याओं – जैसे कि आवागमन की समस्या, स्वास्थ्य संबंधी शंकाओं आदि को संज्ञान में लेकर समुचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है। अधिकतर क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन का परिचालन बंद है, जिससे छात्रों को परीक्षा स्थल तक जाने में परेशानी होगी। परीक्षा स्थल पर भी सामाजिक दूरी आदि नियमों का पालन किया जाना जरूरी है। अभाविप के प्रदेश मंत्री सुमित जागलान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने आज यूजीसी गाइडलाइंस में अंशत: परिवर्तन के साथ मूल्यांकन करने के पक्ष में निर्णय दिया है, यह स्वागतयोग्य कदम है।
परीक्षा का जोखिम लेना नहीं ठीक : बतरा
जगाधरी (निस) : कांग्रेस पार्टी के जिला काे-आर्डिनेटर एवं पूर्व चेयरमैन श्यामसुंदर बतरा ने प्रदेश सरकार पर जिद्दी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार जेईई व एनईईटी की परीक्षा आयोजित करने पर अड़ी हुई है। मौजूदा वक्त में यह जोखिम लेना ठीक नहीं है। कांग्रेस पार्टी इसका डटकर विरोध करती है। बतरा ने कहा कि सरकार को फिलहाल ये परीक्षाएं टालनी चाहिए।