अयोध्या, 5 अगस्त (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में भगवान राम की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है। प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख दी है। उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है। स्वयं प्रभु श्रीराम ने कहा है- देशकाल अवसर अनुहारी। बोले बचन बिनीत बिचारी॥ अर्थात, राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं।
मोदी ने कहा, तमिल रामायण में श्रीराम कहते हैं- कालम्ा् ताय, ईण्ड इनुम इरुत्ति पोलाम्ा्॥ भाव यह कि अब देरी नहीं करनी है, अब हमें आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत के लिए भी, हम सबके लिए भी, भगवान राम का यही संदेश है। मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम का यह मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा।
वैसे कोरोना की वजह से जिस तरह के हालात हैं, प्रभु राम का मर्यादा का मार्ग आज और अधिक आवश्यक है। वर्तमान की मर्यादा है, दो गज की दूरी- मास्क है जरूरी। मर्यादाओं का पालन करते हुए सभी देशवासियों को प्रभु राम स्वस्थ रखें, सुखी रखें, यही प्रार्थना है।
रामराज्य के सूत्र
- मोदी ने कहा, श्रीराम की शिक्षा है- कोई भी दुखी न हो, गरीब न हो।
- श्रीराम का सामाजिक संदेश है- नर-नारी सभी समान रूप से सुखी हों।
- श्रीराम का निर्देश है- किसान, पशुपालक सभी हमेशा खुश रहें।
- श्रीराम का आदेश है- बुजुर्गों की, बच्चों की, चिकित्सकों की सदैव रक्षा होनी चाहिए।
- श्रीराम का आह्वान है- जो शरण में आए, उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है।
- श्रीराम का सूत्र है- अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है।
- प्रधानमंत्री ने कहा, राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने, इन्हीं सूत्रों, इन्हीं मंत्रों के आलोक में, रामराज्य का सपना देखा था। राम का जीवन, उनका चरित्र ही गांधीजी के रामराज्य का रास्ता है।
भय बिनु होइ न प्रीति मोदी ने कहा ये भी श्रीराम की ही नीति है- भय बिनु होइ न प्रीति॥ इसलिए हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही प्रीति और शांति भी बनी रहेगी।