यमुनानगर, 3 सितंबर (हप्र)
यमुना के उस पार हरियाणा के 3 गांव ऐसे हैं, जहां हर साल किसानों को बिजली चालू करने के लिए नये पोल और बिजली की तारें अपने खर्चे से लानी और लगानी पड़ती हैं। हरियाणा के गांव नकुम, पोबारी, गूचा बांस की सैकड़ों एकड़ भूमि यमुना के उस पार लगती है। यहां फसल के लिए गांव वालों ने डेढ़ सौ से अधिक ट्यूबवेल कनेक्शन लिए हुए हैं, जिसका लाखों रुपए का भुगतान प्रतिमाह बिलों के रूप में किया जाता है। प्रत्येक वर्ष यमुना में पानी आने से यमुना के बीचोंबीच लगे बिजली के पोल व तारें गिर जाती हैं, जिससे इन इलाकों में बिजली बंद हो जाती है। पिछले दो-तीन वर्षों से परेशान किसानों ने इसका एक नया तरीका निकाला है। वह स्वयं आपस में पैसे इकट्ठे करते हैं उससे पोल और तारें खरीद कर लाते हैं। फिर स्वयं ही बिजली कर्मचारी बनकर यमुना के बीचोंबीच यह पोल फिक्स करके उसमें बिजली की तारें डालकर बिजली चालू करते हैं।
प्रदीप राणा नंबरदार, सरवन सिंह, महिपाल, महावीर सिंह, अजब सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस बार उन्हें यह काम करने में 28 घंटे लगे। उन्होंने बताया कि बिजली अधिकारी से जब उन्होंने बात की तो उसने कहा कि वह 4 महीने तक यह काम नहीं कर सकते क्योंकि यमुना में पानी होता है। पानी उतर जाने के बाद ही बिजली लाइन चालू हो पाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले 10 दिन से गांव में बिजली नहीं थी। जिसके बाद उन्होंने 50 गांववासियों की मदद से बिजली की तारें व पोल लगाकर बिजली चालू की।
क्या कहते हैं कार्यकारी अभियंता
हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यकारी अभियंता सुखबीर सिंह का कहना है कि यमुना नदी के पार हरियाणा के कुछ गांव पड़ते हैं। पिछले दिनों यमुना में पानी आया था, जिससे बिजली के पोल गिर गए थे। किसानों के साथ मिलकर अब उन्हें ठीक करके बिजली सप्लाई चालू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि भविष्य के लिए योजना बनाई जा रही है। यहां एक ब्रिज बन रहा है इस ब्रिज के अंदर केबल डाल कर बिजली सप्लाई की जाएगी।