अम्बाला शहर, 9 अगस्त (हप्र)
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी फेडरेशनों के आह्वान पर अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन के एेतिहासिक दिवस पर जिला मुख्यालय पर 24 घंटे का महापड़ाव शुरू हो गया। विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता केंद्र व प्रदेश सरकार की श्रमिक व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ अनाज मंडी से प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय पर पहुंचे। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आशा वर्करों ने भाग लिया, जो 8 से 10 अगस्त तक हड़ताल पर हैं।
महापड़ाव की अध्यक्षता संयुक्त रूप से सीटू से रमेश नन्हेड़ा, इंटक से रमण सैनी, एटक से जयवीर घनघस, सर्व कर्मचारी संघ से सेवा राम व हरियाणा कर्मचारी महासंघ सतबीर देशवाल ने की। महापड़ाव के पहले दिन प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार की तानाशाही व वादाखिलाफी की कड़ी निंदा करते हुए आशा वर्कर्स यूनियन एवं मिनिस्ट्रियल स्टाफ की हड़ताल के समर्थन का प्रस्ताव पास किया गया। पीएचसी उगाला की 14 वर्करों को काम से हटाने के नोटिस रद्द करने की मांग के अलावा मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता व नूंह हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश के नागरिकों से आपसी भाईचारे को बनाए रखने की अपील की गई।
महापड़ाव पर रखी प्रमुख मांगें
महापड़ाव की मुख्य मांगों में लेबर कोड रद्द कर श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए लागू करने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक, कौशल रोजगार निगम को भंग करने, परियोजना कर्मियों, आशा व मिड-डे-मील वर्कर्स सहित सभी कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं पक्की करने, सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों व वर्कलोड अनुसार नए पद बनाकर पक्की भर्ती कर बेरोजगारों को नौकरी देना शामिल है।