शिमला, 18 अगस्त (भाषा)हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मादक पदार्थों के पांच कथित तस्करों को पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने के बाद उनमें से एक महिला ने 7.60 ग्राम ‘चिट्टे’ का एक पैकेट निगल लिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि एक गुप्त सूचना के बाद, पुलिस गश्ती दल ने बुधवार को शिमला में कब्रिस्तान सुरंग के पास संजौली से आ रहे एक वाहन को रोका। जैसे ही कार सवारों ने पुलिस को देखा, शाहीन सुल्तान (26) ने अपनी जेब से एक छोटा पैकेट निकाला, जिसमें ‘चिट्टा’ (मिलावटी हेरोइन) था और उसे पानी के साथ निगल लिया। पूछताछ के दौरान, पांच व्यक्तियों में से एक ने पुलिस को बताया कि सुल्तान ने पैकेट निगल लिया था, जिसके बाद उसे चिकित्सीय जांच के लिए ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों ने ‘एंडोस्कोपी’ के जरिए पैकेट निकाला और 7.60 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया।
पुलिस ने कहा कि मुकुल शर्मा (20), हैप्पी चंदेल (27), सौरव पंवार (24), हर्ष (22) और शाहीन को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा संबंधित कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा, ‘यह राज्य में अपनी तरह का अनोखा मामला है, जहां एक आरोपी द्वारा मादक पदार्थ निगल लिया गया और बाद में चिकित्सकों ने एंडोस्कोपी के माध्यम से उसे बाहर निकाल लिया।’ उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में शिमला जिले में एनडीपीएस के 337 मामलों में 15 महिलाओं सहित 502 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
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हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।
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