यूं तो ‘एक ईंट एक रुपया’ का उद्घोष महाराज अग्रसेन की सामाजिक क्रांति की आधार भूमि था। जिसने समाज में समुदाय के सहयोग से खुशहाली सुनिश्चित की। समीक्ष्य कृति इस आधारभूमि पर श्रीमती इन्द्रा स्वप्न द्वारा रचित उपन्यास का पुन: प्रकाशन है। जो इस उपन्यास की कथावस्तु की सारगर्भिता को ही उजागर करता है। पाठकों तक इस रचना को फिर से पहुंचाने का गुरुतर दायित्व डॉ. मधुकांत ने निभाया है। दरअसल, इसके पिछले संस्करण अब उपलब्ध नहीं हैं।
पुस्तक : एक ईंट एक रुपया रचनाकार : इन्द्रा स्वप्न प्रकाशक : कौशिक पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली पृष्ठ : 110 मूल्य : रु. 200.