बहादुर सैनी/निस
सीवन, 4 सितंबर
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि कैथल के गांव ग्योंग से होते हुए पंजाब के सागरा गांव तक भव्य और सुंदर सरस्वती कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस सरस्वती कॉरिडोर के साथ ही सरस्वती तीर्थ पर अंरतुक यक्ष भी विराजमान है।
इन तमाम ऐतिहासिक पहलुओं से यह स्थल पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। अहम पहलू यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पहले से ही घोषित कैथल के गांव पोलड़ से लेकर पिहोवा तक सरस्वती नदी के किनारे सडक़ का निर्माण कार्य भी किया जाएगा। इससे गांव पोलड़ के सरस्वती तीर्थ पर पर्यटक सहजता से पहुंच पाएंगे। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच सोमवार को गांव पोलड़ और सागरा का दौरा करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे।
इससे पहले उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कैथल के गांव पोलड़ व ग्योंग से पंजाब की सीमा सागरा में सरस्वती तीर्थ और घग्गर का निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय लोगों से बातचीत कर पंजाब की तरफ से आने वाली घग्गर के माध्यम से बरसात के समय पानी की स्थिति के बारे में जानकारी भी हासिल की है। उपाध्यक्ष ने कहा कि पंजाब की तरफ से आने वाले घग्गर से पिछले सीजन से 10 गुणा ज्यादा पानी सरस्वती नदी में पहुंचा, सरस्वती नदी और घग्गर का संगम गांव पोलड़ और सागरा में होता है, यहां से यह पानी सरस्वती नदी के माध्यम से सिरसा की तरफ निकल जाता है।
इस सीजन में बहुत अधिक मात्रा में पानी आया और सरस्वती नदी के माध्यम से पानी आगे की तरफ निकल गया। अगर सरस्वती नदी नहीं होती तो बाढ़ के पानी से बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता था।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से गांव ग्योंग से होते हुए पंजाब के सागरा गांव तक एक सरस्वती कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर कार्य शुरू भी किया जा चुका है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि पोलड़ से पिहोवा तक सरस्वती के किनारे सड़क का निर्माण किया जाएगा। इससे सरस्वती कॉरिडोर की महत्ता और बढ़ेगी तथा गांव पोलड़ में स्थित सरस्वती तीर्थ पर भी पर्यटक सहजता से पहुंच पाएंगे।
उन्होंने कहा कि घग्गर से पहले एक सरस्वती जलाशय का निर्माण भी किया जाएगा ताकि इस जलाशय में बरसात के पानी का प्रबंध किया जा सके। इससे गांव पोलड़ व आसपास के क्षेत्र में भूजल स्तर में भी काफी सुधार होगा।
इसके अलावा सरस्वती नदी के किनारे पिहोवा के गांव गुलडेहरा, स्योंसर, सरस्वती जंगल, सतोड़ा, सरस्वती शाखा, पोलड़ रिवर फ्रंट, अंदली तीर्थ, पिसोल तीर्थ को भी विकसित किया जा रहा है। इस अवसर पर उनके साथ भीम सैन अग्रवाल जिला मीडिया इंचार्ज, बलविन्द्र जांगड़ा आईटी सैल प्रमुख, नरेश मुजांल, हरदीप अंधली भी मौजूद थे।