सोनीपत, 7 सितंबर (हप्र)
मुंबई में एक बिल्डिंग प्रोजेक्ट में निवेश के नाम पर सोनीपत के बड़े कारोबारी से मुंबई की 12 फर्मों ने 127 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर डाली। आरोप है कि फर्मों की तरफ से फर्जी कागजात तैयार कर पीडि़त को विश्वास में लिया और फिर मुनाफे का सौदा बताकर प्रोजेक्ट में निवेश करवाया। उन्होंने फर्म के पुनर्विकास के नाम पर प्रोजेक्ट में 30 करोड़ रुपये लगाए थे। परियोजना पूरी न होने की स्थिति में मूल राशि के अलावा 97 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि वापस की जानी थी। शर्त के मुताबिक अब मुंबई की कंपनियों को सोनीपत की कंपनी को 127 करोड़ रुपये देने थे। बाद में कई बार नोटिस भेजे जाने पर भी जब रकम वापस नहीं की तो कारोबारी ने सोनीपत पुलिस आयुक्त को शिकायत दी। आयुक्त के आदेश पर थाना सिविल लाइन थाना पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मॉडल टाउन निवासी कारोबारी पावेल गर्ग ने पुलिस आयुक्त बी. सतीश बालन को दी शिकायत में बताया कि उनका सोनीपत समेत देश में कई स्थानों पर कई फर्म में निवेश है। वह रियल एस्टेट फर्म इंपीरियस रियलिटी, एलएलपी में भी हिस्सेदार हैं। उन्होंने बताया कि वर्ली मुंबई में एक बिल्डिंग प्रोजेक्ट में निवेश को लेकर कुछ फर्मों ने उन्हें विश्वास में लेने के लिए फर्जी दस्तावेज व अन्य कागजात दिखाए थे।
जून, 2019 में उन्होंने अपनी कंपनी मैसर्स कॉम्बिटिक ग्लोबल कैपलेट से 20 करोड़ रुपये मैसर्स यश एंटरप्राइजेज के बैंक में ट्रांसफर कर दिए। यह रकम पांच करोड़ लाख, 50 लाख, साढ़े चार करोड़, 2.75 करोड़, 7.75 करोड़ रुपये अलग-अलग दिनों में ट्रांसफर किए गए। वर्ष 2019 के 11वें माह में आरोपी फर्मों ने विश्वास बनाने के लिए उनकी रकम ब्याज के साथ चुका भी दी। उसके बाद आरोपियों ने उन्हें अगले प्रोजेक्ट में रकम निवेश करने का ऑफर दिया। विश्वास बनाकर लिखित समझौता किया और कहा कि प्रोजेक्ट में तेजी से विकास होगा। कारोबारी पावेल गर्ग ने पुलिस को बताया है कि मैसर्स इंपीरियस रियलिटी एलएलपी कंपनी और मुंबई की यश इंटरप्राइजेज के बीच तय हुआ था कि मुंबई के वर्ले स्थित एक फर्म के पुनर्विकास के लिए मैसर्स इंपीरियस रियलिटी एलएलपी कंपनी 30 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। जिसके बाद उसका परियोजना में 50 फीसदी का हिस्सेदार माना जाएगा। वहीं, इस परियोजना को 30 जून, 2021 तक पूरा कर सौंपा जाएगा। यदि कंपनी तय समय पर परियोजना पूरी नहीं पाई तो नुकसान के तौर पर 30 करोड़ के अलावा 97 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में देने होंगे। परियोजना में विफल होने के बाद तय शर्त के मुताबिक यश इंटरप्राइजेज को अब सोनीपत की मैसर्स इंपीरियस रियलिटी एलएलपी कंपनी को 127 करोड़ रुपये देने हैं।
मुबंई की कंपनी इसके लिए तैयार भी हो गई। इसके लिए उनकी ओर से 12.7-12.7 करोड़ रुपये के 10 चेक दिए गए। हालांकि चेक बाउंस हो गए।