विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 12 सितंबर
आखिरकार हरियाणा पुलिस ने आज विवादों में रहे गौरक्षक मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया। उसे गिरफ्तार करने के बाद नूंह की जिला अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया ही था कि इस बीच राजस्थान पुलिस भी वहां पहुंच गई और कई मामलों में पूछताछ के लिए उसे ट्रांजिट रिमांड पर मांगा जिसे स्थानीय अदालत ने मंजूर कर लिया। मोनू मानेसर के वकील सोमनाथ शर्मा ने बताया है कि पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला अदालत ने भोंडसी जेल भेजने के आदेश दिए थे लेकिन उसी समय राजस्थान पुलिस भी कोर्ट में पहुंच गई और कई मामलों में उसकी मांग की। इस पर अदालत ने उसे राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर के खिलाफ काफी दिनों बाद कार्रवाई की है जिसकी मांग सांप्रदायिक दंगों के दौरान और उससे पहले भी हो रही थी।
मोनू मानेसर पर भिवानी में राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है। मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस पिछले 8 माह से पूछताछ के लिए बुला रही थी लेकिन वह वहां जाने से बच रहा था। नूंह पुलिस ने 28 जुलाई को आईटी एक्ट के तहत उसके खिलाफ एक केस दर्ज किया था। साइबर क्राइम के एक जवान मनोज कुमार की शिकायत पर मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव के साथ भादस की धारा 153, 153 ए, 295 ए ,504, 109 की धारा के तहत के दर्ज किया था जिसमें वह भड़काऊ भाषण देने के साथ-साथ हथियारों का भी प्रदर्शन कर रहा था।
मोबाइल और पिस्तौल बरामद
गिरफ्तारी के वक्त मोनू से दो सिम कार्ड वाला मोबाइल, 45 बोर की पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। नूंह पुलिस ने मोनू मानेसर को उस समय हिरासत में लिया, जब वह एक पंचायत में भाग लेने गया था। मोनू को हिरासत में लेने के बाद स्थानीय पुलिस ने राजस्थान पुलिस को सूचित कर दिया है। मोनू मानेसर को हिरासत में लिए जाने के बाद नूंह के भीष्म मंदिर में उसके समर्थन में पंचायत बुलाई गई। पुलिस को इनपुट मिले हैं कि पंचायत के लिए जुटने वाली भीड़ उग्र होकर थाने पर हमला करके मोनू मानेसर को छुड़वाने का प्रयास कर सकती है।
मानेसर के बाजार से हुई गिरफ्तारी
पता चला है कि मोनू मानेसर को मानेसर के बाजार से गिरफ्तार किया गया। पीली शर्ट में दुकान से बाहर निकले मानेसर उर्फ मोहित यादव को अचानक एक युवक ने कंधे पर हाथ रखकर अपने साथ लिया और फिर से दो अन्य लोगों ने दाएं-बाएं से घेर लिया और फिर चार-पांच लोग और आगे आये। उन सब ने उसे धीरे-धीरे काबू किया और चुपचाप गाड़ी में बैठकर चले गए। कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी कि मानेसर का अपहरण हो गया है, इस पर कुछ लोग भीड़ के साथ मानेसर थाने पहुंच गए।