चंडीगढ़, 13 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने 2011 में मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन में आईएमटी मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन मामले के समाधान के लिए नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 को लागू कर दिया है। बुधवार को सीएम ने इस पॉलिसी के पोर्टल को लाॅन्च किया। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य उन भूमि मालिकों को लाभ प्रदान करना है, जिनका नाम जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन की राजस्व संपदा में है।
उन्होंने कहा कि ये भू-मालिक पोर्टल पर आवेदन करके नीति का लाभ उठा सकते हैं। नीति में शर्त यह है कि भूस्वामी 16 अगस्त, 2022 को घोषित अवार्ड के अनुसार, मुआवजा स्वीकार करने के बाद अपनी भूमि के अधिग्रहण को चुनौती नहीं देंगे। इन अवार्ड्स में घोषित मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे। वे किसी भी अदालत में चल रहे इस भूमि से संबंधित सभी मामले वापस लेंगे। इस भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना भूमि अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित की गई थी।
सीएम ने कहा कि भू-मालिकों को मुआवजा राशि के अलावा कई तरह के लाभ इस पॉलिसी के तहत मिलेंगे। अधिग्रहित की गई भूमि पर प्रति एकड़ के हिसाब से भू-मालिकों को 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड आवंटित किया जाएगा। आवंटन की दर पहली फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी। आवंटित किए जाने वाले विकसित आवासीय प्लॉट का मानक आकार 100 और 150 वर्गमीटर है। विकसित औद्योगिक भूखंडों का मानक आकार 450 वर्गमीटर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भूमि पात्रता प्रमाण पत्र योजना बंद होने से तीन महीने की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा।
अवैध माइनिंग पर कसा जाएगा शिकंजा
अवैध माइनिंग, ओवरलोडिंग और एक ही ई-रवाना पर कई गाड़ियां निकालने के मामलों पर अब रोक लगेगी। इसके लिए सरकार ने ई-रवाना पोर्टल में बदलाव किया है। सीएम का कहना है कि नये वर्जन में और अधिक पारदर्शिता आएगी। पहले धर्मकांटा की मैनुअल एंट्री होती थी, जो अब स्वतः ही हो जाएगी। इससे गलत कांटे की एंट्री होने के कारण गलत ई-रवाना कटने पर अंकुश लगेगा। पोर्टल को राजस्व के साथ भी जोड़ा है।