रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 14 सितंबर
देश में गेहूं की फसल ने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं, इसकी पुष्टि भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने की है। गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 112 मिलियन मीट्रिक टन निर्धारित किया था, लेकिन 2022-23 में गेहूं का उत्पादन करीब 113 मिलियन मीट्रिक टन हुआ है जबकि अंतिम चौथा अनुमान जल्द ही आने की संभावना है। उम्मीद है कि आगामी वर्ष में गेहूं का उत्पादन रिकार्ड और बेहतर हो सकता है। पिछले साल देशभर में गेहूं का उत्पादन करीब 107 मिलियन मीट्रिक टन हुआ था।
गेहूं के रिकार्डतोड़ उत्पादन में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित या संस्तुति की गई गेहूं की किस्मों को देशभर के करीब 45 प्रतिशत एरिया में उगाया गया, क्योंकि गेहूं की नई किस्में जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभाव को सहने वाली है, पोषण से भरपूर है, रोगरोधिता वाली है, उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं। गेहूं उत्पादन बढ़ाने में संस्थान की डीबी डब्ल्यू 370, डीबी डब्ल्यू 371, डीबी डब्ल्यू 372, डीबी डब्यू 327, डीबी डब्ल्यू 187, डीबी डब्ल्यू 222, डीबी डब्ल्यू 303 आदि किस्में है।
15 से खुलेगा पोर्टल, देशभर के 25 हजार किसानों को उपलब्ध होगा बीज
निदेशक ने कहा कि भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा देशभर के 25 हजार किसानों को गेहूं की नई प्रजातियों का बीज उपलब्ध करवाएगा, इसके लिए संस्थान का पोर्टल 15 सितंबर तक खुलेगा। बीज उन किसानों को ही उपलब्ध कराया जाएगा, जो किसान संस्थान के पोर्टल पर अप्लाई करेंगे यानि की पहले अप्लाई करने वाले किसानों को यकीकन बीज उपलब्ध होगा।
10 किलोग्राम प्रति किसान मिलेगा गेहूं का बीज
निदेशक ने कहा कि किसानों को नवीनतम प्रजातियों का बीज प्रति किसान 5 किलोग्राम तथा वे प्रजातियां जिनका बीज संस्थान के पास ज्यादा उपलब्ध है, वो बीज किसानों को प्रति 10 किलोग्राम के हिसाब से दिया जाएगा। सभी प्रजातियों का बीज, उसकी मात्रा, रेट, क्यूआर कोड, पोर्टल का कैसे इस्तेमाल करें, सभी जानकारी सोशल मीडिया, फेसबुक पेज, इंस्ट्राग्राम व ट्वीटर पर उपलब्ध है।
दूर प्रदेशों के किसानों को बीज पहुंचाने के लिए संस्थान प्रयासरत
संस्थान देश के दूरदराज स्थित प्रदेशों के उन किसानों के पास बीज पहुंचाना चाहता है, जिन्होंने संस्थान के पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई किया हुआ है, लेकिन संस्थान को कोई ऐसी एजेंसी नहीं मिल पाई है, जो पोर्टल पर अप्लाई किए हुए किसानों को बीज पहुंचा दे, जो महंगा न हो। संस्थान इसके लिए प्रयास कर रहा है। गेहूं के बंपर पैदावार वाले हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान ओर मध्य प्रदेश है।