गुरुग्राम, 24 सितंबर (हप्र)
परिवार व प्रदेश की सुरक्षा व्यक्ति, समाज से तथा इससे आगे देश की सुरक्षा बॉर्डर पर मौजूद जीवंत गांवों की बसावट से भी जुड़ी हुई है। देश की सीमाओं की सुरक्षा कवच के रूप में सीमावर्ती गांवों में रहने वाले सजग नागरिक हैं, जो बॉर्डर पर होने वाली किसी भी असामान्य गतिविधियों पर नजर रखते हैं। जरूरी सूचनाएं सुरक्षा एजेंसियों व सेना को देते हैं। यह बात लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विष्णुकांत चतुर्वेदी ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय में सीमा जागरण मंच की ओर से जीवंत गांव: सीमा सुरक्षा में क्रांति विषय पर व्याख्यान में कही।
समारोह की अध्यक्षता हरियाणा भाजपा उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने की। समारोह का उद्घाटन गुरुग्राम विवि के मीडिया स्टडी के डीन प्रो. राकेश जोगी ने किया। मंच का संचालन सीमा जागरण मंच के गुरुग्राम विभाग के सह-संयोजक अवधेश कुमार सिंह ने किया। पूर्वोत्तर के सीमावर्ती राज्यों सहित जम्मू-कश्मीर, लद्दाख बॉर्डर पर सक्रिय सैन्य सेवा के दौरान अपने जीवन के चार दशक गुजार चुके लेफ्टिनेंट जनरल चतुर्वेदी ने व्याख्यान के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सीमा पर मौजूद गांवों की जीवंतता यानी वहां रह रहे नागरिकों की क्षमता सुरक्षा की गारंटी है।
बॉर्डर पर घुसपैठ, तस्करी, अवैध हथियारों का आदान-प्रदान, ड्रग्स सप्लाई और सीमावर्ती देशों की सेना, सुरक्षाबलों की हलचलों पर वहां के निवासी नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल में पाक सैनिकों की घुसपैठ व बॉर्डर पर कुछ असामान्य हलचल की जानकारी वहां के चरवाहों ने ही दी थी। अपने संबोधन में जीएल शर्मा ने जनरल चतुर्वेदी के विचारों से स्वयं को जोड़ते हुए कहा कि हमारी सरकार राष्ट्र प्रहरी के तौर पर हर एक उपाय कर रही है, जिससे हमारी सीमाएं सुरक्षित रहें और सीमावर्ती गांवों के निवासी सजग व संपन्न हों। उन्होंने मौके पर मौजूद विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि राष्ट्र की संबलता सबल नागरिकों से है और आप देश के भविष्य हैं।
समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल एस. लांबा, कर्नल प्रदीप भल्ला, कर्नल शेर सिंह यादव, गिरीराज शर्मा, विकास सिंह चंदेल, रामचंद्र सिंह, डॉ. रश्मि अग्रवाल, प्रो. अमित सिंह, इंजीनियर रवि सिंह, प्रदीप कुमार और बड़ी संख्या में गुरुग्राम विवि व दिल्ली विवि के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।