सुभाष चौहान/हप्र
अम्बाला, 27 सितंबर
अम्बाला सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक प्रबंधन और बोर्ड के बीच चल रहा टकराव आज खुलकर सामने आ गया है। बैंक प्रबंधन द्वारा आज अम्बाला में बुलाई गई सालाना बैठक का बोर्ड के सभी निदेशकों ने बायकाट कर दिया है। इतना ही नहीं निर्देशकों ने बैंक के महाप्रबंधक यशवीर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनके तबादले की आवाज उठा दी है। इस बारे में सहकारिता मंत्री बनवारी लाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से भी मिल चुके हैं। दरअसल अंबाला का सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक पिछले कई दिनों से विवादों में घिरा है। अंबाला बैंक द्वारा इन्हीं निर्देशकों में से एक को हरको बैंक का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा जाना था इसके लिए आठ निदेशकों का यह बोर्ड लगातार महाप्रबंधक पर दबाव बना रहा था लेकिन महाप्रबंधक इस बात को लेकर गंभीर नहीं थे। यह टकराव चल ही रहा था कि अचानक अंबाला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अंबाला शहर स्थित एक शाखा से 32 लॉकर टूट गए। पूरे मामले में बैंक की काफी फजीहत हुई। बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने भी इसे बड़ी चूक मानते हुए प्रबंधन की निंदा की लेकिन अभी कार्रवाई कुछ हो नहीं पाई थी कि इसी दरम्यान बैंक महाप्रबंधक ने सालाना जनरल इजलास रख दिया। अंबाला में होने वाले इस विशाल कार्यक्रम में बैंक का एक साल का लेखा-जोखा रखा जाना था परंतु आठ सदस्यों वाले निर्देशकों ने इस सालाना बैठक का बायकाट कर दिया। स्थिति यह रही कि बैंक प्रबंधन को भी हालात देखते हुए वहां की गई सभी तैयारियां को समेटना पड़ा। बैंक प्रबंधन की यह सालाना बैठक बिना किसी खास चर्चा के समाप्त हो गई। जब इस बारे में महाप्रबंधक से बात करनी चाही तो बात नहीं हो सकी।
अब बात ज्यादा बिगड़ गई है : बिट्टू
आठ निदेशकों का नेतृत्व कर रहे कर्म सिंह बिट्टू का कहना है कि महाप्रबंधक और बोर्ड के बीच माहौल सामान्य नहीं रहा है। ऐसे में सरकार को महाप्रबंधक का तबादला कर देना चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अगर बैंक में लोगों की संपत्ति सुरक्षित नहीं रहेगी तो भी उस बैंक का विश्वास जनता के बीच कैसे रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर गंभीर संज्ञान लेना चाहिए ताकि कोऑपरेटिव बैंक की खोई हुई साख को कायम किया जा सके।