भिवानी, 5 अक्तूबर (हप्र)
मानदेय बढ़ोतरी की मांग को लेकर लगभग 2 महीने से लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठी आशा वर्करों की मांग को समाजसेवी रविता सतबीर रतेरा ने अपना समर्थन दिया। धरना स्थल पर पहुंची रविता सतबीर रतेरा ने आशा वर्करों की मांग को सुना और उनका समर्थन करते हुए कहा कि आशा वर्कर्स के काम में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है जबकि 5 साल से मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने आशा वर्कर के मानदेय में बढ़ोतरी करने तथा 26000 रुपये न्यूनतम वेतन देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमारी आशा बहनें किसी सरकारी कर्मचारियों के समान काम करती है इसके बावजूद उनके साथ ऐसा निंदनीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आशा बहनों की मांग बिल्कुल जायज है इसलिए प्रदेश सरकार उन्हें न्यूनतम वेतन देने के साथ-साथ पक्का कर्मचारी घोषित करे और प्रोत्साहन राशियों को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ने, ईएसआई पीएफ और रिटायरमेंट बेनिफिट सहित सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए दिया जाएं और अनुभव और योग्यता के आधार पर आशा वर्कर्स की पदोन्नति की भी की जाएं। रविता सतबीर रतेरा ने कहा कि आज प्रदेश सरकार से हर वर्ग दु:खी है इस सरकार ने आम जनता हो या कोई कर्मचारी सभी का शोषण करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह है कि आशा वर्करों की मांग पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार कर उन्हें पूरा करे।